डायबिटीज के मरीजों के लिए रोजमर्रा की डाइट पर खास ध्यान देना बेहद जरूरी है, क्योंकि खाने-पीने की आदतें सीधे उनके ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करती हैं। मानसून के मौसम में डायबिटीज़ मरीजों के लिए रागी (नाचनी) का आटा एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। रागी की रोटियां न केवल ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करती हैं, बल्कि शरीर को हेल्दी बनाए रखने में भी सहायक होती हैं।
डायबिटीज के मरीजों के लिए लाल आटे की रोटी खाने की सलाह दी जा रही है। इसमें मौजूद पोषक तत्व ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, सफेद आटे की बजाय लाल आटे की रोटी चुनने से शुगर लेवल अचानक बढ़ने से बचता है और डायबिटीज को मैनेज करना आसान होता है।
पोषक तत्वों से भरपूर
रागी, जिसे नाचनी भी कहा जाता है, एक पोषक तत्वों से भरपूर अनाज है। इसमें कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर को ऊर्जा देती है। रागी में प्रोटीन भी पाया जाता है, जो मांसपेशियों के विकास और मरम्मत के लिए जरूरी है। इसके अलावा रागी में उच्च मात्रा में आहार फाइबर, कैल्शियम, आयरन और आवश्यक अमीनो एसिड्स होते हैं। यह फाइबर ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर में स्थिरता बनी रहती है। रागी में आयरन, फाइबर और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स भी मौजूद होता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए यह हर उम्र के लोगों के लिए स्वास्थ्यवर्धक विकल्प माना जाता है।
डायबिटीज में फायदेमंद
- रागी के आटे में भरपूर फाइबर होने के कारण यह डायबिटीज के मरीजों के लिए खासा फायदेमंद है। डाइटरी फाइबर शुगर को धीरे-धीरे शरीर में रिलीज करता है।
- रागी का आटा डायबिटीज मरीजों के लिए बेहद लाभकारी है क्योंकि इसमें उच्च मात्रा में डाइटरी फाइबर पाया जाता है। यह फाइबर भोजन से मिलने वाली शुगर को धीरे-धीरे शरीर में रिलीज करता है, जिससे अचानक ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा कम हो जाता है।
- रागी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम होता है, जिसका मतलब है कि इसे खाने के बाद ब्लड शुगर धीरे-धीरे बढ़ता है। इसलिए रागी डायबिटीज के मरीजों के लिए एक सुरक्षित और फायदेमंद विकल्प माना जाता है।
- रागी की रोटियां वेट लॉस के लिए बेहद फायदेमंद हैं। इसमें मौजूद फाइबर मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और लंबे समय तक भूख को नियंत्रित रखता है। इससे बार-बार खाने की आदत कम होती है और धीरे-धीरे वजन घटाने में मदद मिलती है।
- रागी न सिर्फ पौष्टिक होती है बल्कि यह शरीर की अंदरूनी सफाई और त्वचा की सुंदरता में भी मददगार है। इसमें मौजूद फाइबर और अन्य पोषक तत्व शरीर से हानिकारक टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में सहायक होते हैं।
खाने का सही तरीका
- रागी की रोटी बनाने का तरीका गेहूं की रोटी जैसा ही आसान है।
- इसे सिर्फ रागी के आटे से या गेहूं के आटे के साथ मिलाकर बनाया जा सकता है।
- डायबिटीज के मरीजों के लिए इसे सुबह नाश्ते या दोपहर के खाने में शामिल करना सबसे बेहतर माना जाता है।
- क्योंकि शरीर इसे आसानी से पचा लेता है और ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
- रागी की रोटी न केवल ब्लड शुगर को कंट्रोल करती है, बल्कि वजन घटाने, पाचन सुधारने और स्किन को हेल्दी रखने में भी मददगार होती है।
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. MPNews इनकी पुष्टि नहीं करता है।
