रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का देवतालाब दौरा सियासी हलचल से भरा रहा। दोपहर करीब 1:30 बजे वे हेलिकॉप्टर से देवतालाब पहुंचे और प्राचीन शिव मंदिर में भगवान शिव का रुद्राभिषेक कर आशीर्वाद लिया। मंदिर दर्शन के बाद मुख्यमंत्री ने 203 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले 16 विकास कार्यों का भूमिपूजन और 37 से ज्यादा परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इनमें नवगठित मऊगंज जिले का संयुक्त जिला कार्यालय भवन भी शामिल है।
सरकारी योजनाओं के हितग्राहियों को लाभ वितरण का कार्यक्रम भी हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हर वर्ग के उत्थान के लिए काम कर रही है। इस मौके पर डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, प्रभारी मंत्री लखन पटेल, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, कई विधायक और भाजपा संगठन के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
कांग्रेस का प्रदर्शन
लेकिन कार्यक्रम से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया। पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना की अगुवाई में सैकड़ों कांग्रेसी मऊगंज बायपास पर जुटे और जमकर नारेबाजी की। किसानों और खाद की समस्या को लेकर पहले से ही विरोध की चेतावनी दी गई थी। बन्ना अपने समर्थकों के साथ बैरिगेड्स तोड़ते हुए आगे बढ़ना चाहते थे, लेकिन बड़ी संख्या में मौजूद पुलिस बल ने उन्हें रोक लिया।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने देवतालाब में भगवान शिव का दर्शन कर रुद्राभिषेक करते हुए पूजा अर्चना की, देवतालाब शिव मंदिर का अद्भुत शिवलिंग लाखों लोगों की श्रद्धा का केंद्र है, मुख्यमंत्री ने पूजा अर्चना कर प्रदेश के निरंतर प्रगति और सुख समृद्धि की कामना की। #JansamparkMP #Rewa pic.twitter.com/2SsncM5lIx
— JD Rewa (@jdjsrewa) September 7, 2025
करीब एक घंटे तक प्रदर्शन चलता रहा। इसी दौरान बन्ना ने कहा, “हम यहाँ पिकनिक मनाने नहीं आए हैं। हम उन किसानों और छात्रों की आवाज़ उठाने आए हैं, जिन पर अन्याय हो रहा है। जिन मरीजों को इलाज और पोस्टमार्टम जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं, हम उनके लिए खड़े हैं।” हालांकि, पुलिस अधिकारियों की समझाइश के बाद वे गिरफ्तारी देने को तैयार हो गए।
ये लोग गिरफ्तार
पूर्व विधायक के साथ कांग्रेस के कई स्थानीय नेता और सैकड़ों कार्यकर्ता भी गिरफ्तारी देने पहुंचे। इनमें पूर्व जिला अध्यक्ष पद्मेश गौतम, वर्तमान अध्यक्ष हरीलाल कोल, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष आशुतोष तिवारी और कई वरिष्ठ नेता शामिल थे। मुख्यमंत्री का देवतालाब दौरा एक ओर विकास कार्यों की सौगात लेकर आया, तो दूसरी ओर कांग्रेस के जोरदार विरोध ने इसे सियासी रंग दे दिया।
