इंदौर से बदनावर रूपापाड़ा जा रहे जयस (जय आदिवासी युवा शक्ति) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट लोकेश मुजाल्दा दादा को सोमवार को पुलिस प्रशासन ने कलारिया बेटमा के पास रोक लिया। जानकारी के मुताबिक, मुजाल्दा दादा एम.वाय. अस्पताल चूहा कांड में मासूम बच्चियों को न्याय दिलाने के लिए प्रधानमंत्री से मिलने निकले थे।
मुजाल्दा दादा अपने साथ देवास की बेटी और धार जिले के बदनावर रूपापाड़ा की बेटी की मिट्टी लेकर प्रधानमंत्री से न्याय की गुहार लगाने जा रहे थे। लेकिन रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस पर जयस संगठन ने कड़ा विरोध जताया है। संगठन का कहना है कि लोकतंत्र में जनता की आवाज़ को सरकार और प्रशासन दबा नहीं सकते। यह जनता के संवैधानिक अधिकारों का सीधा हनन है।
भ्रष्टाचार का नतीजा
संगठन के नेताओं ने कहा कि एम.वाय. अस्पताल में जिस तरह मासूम बच्चियों की जानें गईं, वह लापरवाही और भ्रष्टाचार का नतीजा है। अब जब पीड़ित परिवारों की आवाज़ प्रधानमंत्री तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, तो पुलिस-प्रशासन का रोकना समझ से परे है। जयस ने सरकार से मांग की है कि मासूम बच्चियों को न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
आंदोलन किया जाएगा तेज
जयस कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह आंदोलन सिर्फ एक घटना के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की नाकामी के खिलाफ है। अगर न्याय न मिला तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।