प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर जहां भाजपा और उनके नेता जश्न मना रहे थे, वहीं किसान कांग्रेस ने इसे किसानों की पीड़ा और उनकी बदहाली को सामने लाने का दिन बताया। किसान कांग्रेस अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि देश का अन्नदाता आज भारी संकट से गुजर रहा है और सरकार केवल दिखावा कर रही है।
फसल बीमा में धांधली
धर्मेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि किसानों से फसल बीमा का भारी प्रीमियम वसूला जाता है, लेकिन जब फसल खराब होती है तो मुआवजा नाम मात्र का दिया जाता है। कई किसानों को तो एक रुपये से लेकर कुछ सौ रुपये तक ही मिले, जो किसानों के साथ सीधा धोखा है। उन्होंने सवाल उठाया कि हमारे प्रीमियम का हिसाब कौन देगा?
मुआवजा गायब
प्रदेश में बड़े पैमाने पर सोयाबीन की फसल पीला मोज़ेक बीमारी से बर्बाद हो गई है। चौहान ने आरोप लगाया कि न तो समय पर सर्वे हो रहा है और न ही किसानों को उनके नुकसान का सही मुआवजा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि किसान मजबूर हैं, लेकिन सरकार केवल चुनावी नारे देती है।
प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर भोपाल PCC में किसान कांग्रेस साथियों के साथ कटोरा लेकर विरोध प्रदर्शन किया और मांग करते हुए अनुरोध किया कि किसानोंको लाठियां नहीं खाद दीजिए भले भीख में दीजिए क्योकि सरकार ने खाद नहीं दिया तो तय मानिए किसान वास्तविक्त्ता में कटोरा लेने पर मजबूर हो जाएगाI pic.twitter.com/uGlbgn7N65
— Madhya Pradesh Kisan Congress (@AIKC_MP) September 17, 2025
खाद संकट से परेशान
उन्होंने बताया कि समय पर खाद उपलब्ध न होने से किसान लंबी कतारों में लगने को मजबूर हैं। कई जगह किसानों को जरूरत के हिसाब से खाद नहीं मिल पाई। इससे फसलें और ज्यादा नुकसान की चपेट में आ गईं। चौहान ने कहा कि “खाद की कमी से फसल चौपट हुई, इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?”
सर्वे और मुआवजे में भ्रष्टाचार
किसान कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि फसलों के नुकसान का सर्वे या तो देर से किया जाता है या उसमें गड़बड़ी होती है। भ्रष्टाचार और लापरवाही की वजह से किसानों को न्याय नहीं मिल पा रहा। चौहान ने कहा कि यह सब सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करता है।
कटोरा लेकर प्रदर्शन
इन मुद्दों को लेकर किसान कांग्रेस कार्यकर्ता कटोरे हाथ में लेकर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के बाहर जमा हुए और प्रधानमंत्री से किसानों को उनका हक दिलाने की मांग की। चौहान ने कहा कि भाजपा ने किसानों को सिर्फ नारों और जुमलों में उलझाकर रखा है। उन्होंने कहा कि मोदी जी का जन्मदिन किसानों के लिए खुशी का दिन नहीं बल्कि उनकी उपेक्षा और धोखे की याद दिलाने वाला दिन बन चुका है। किसान अब जवाब मांग रहा है कि उसकी मेहनत और फसलों का सही दाम कब मिलेगा।
