जीएसटी दरों में कटौती का सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिले, इसके लिए केंद्र सरकार ने अब सख्त कदम उठाए हैं। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने सोमवार से एक विशेष उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। यदि दुकानदार या कंपनियां घटे हुए जीएसटी के बावजूद दाम कम नहीं करते, तो उपभोक्ता सीधे शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
मंत्रालय के अनुसार, जीएसटी दरें घटने के बाद यह जांचना बेहद जरूरी है कि वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें वास्तव में कम हुई हैं या नहीं। इसके लिए सेंट्रल और राज्य जीएसटी अधिकारियों को 54 आवश्यक वस्तुओं की सूची दी गई है, जिनकी कीमतों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इसमें दूध, घी, पनीर, दालें, तेल, एफएमसीजी प्रोडक्ट्स और कई रोज़मर्रा की चीजें शामिल हैं।
शिकायत की प्रक्रिया आसान
उपभोक्ताओं के लिए शिकायत की प्रक्रिया भी आसान कर दी गई है। अब वे राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर 1915 पर सीधे कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा 8800001915 पर मैसेज या वॉट्सएप भी कर सकते हैं। वहीं, शिकायतें 1800-11-4000 पर भी दर्ज कराई जा सकती हैं। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ये सेवाएं सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक उपलब्ध रहेंगी। खास बात यह है कि उपभोक्ता अपनी शिकायत 17 भारतीय भाषाओं में दर्ज करा सकते हैं।
नई व्यवस्था शुरू
सरकार के इस कदम के बाद कंपनियां भी अपने प्रोडक्ट्स के दाम घटाने लगी हैं। अमूल ने 700 से अधिक उत्पादों की कीमतों में कटौती की है। इनमें घी, मक्खन, चीज, पनीर, चॉकलेट और अल्ट्रा-हाई टेंपरेचर मिल्क जैसे उत्पाद शामिल हैं। उपभोक्ताओं को 22 सितंबर से अमूल घी 40 रुपये सस्ता मिलेगा। रेलवे ने भी यात्रियों को राहत देते हुए रेल नीर पानी की बोतल का दाम 15 रुपये से घटाकर 14 रुपये कर दिया है।
मंत्रालय ने अलग-अलग श्रेणियों में शिकायतों को बांटने की नई व्यवस्था भी शुरू की है। कार-बाइक, बैंकिंग सेवाएं, वाइट गुड्स (जैसे फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन) और एफएमसीजी जैसे सेक्टर इसमें शामिल किए गए हैं। इससे शिकायतों का निपटारा तेजी से और अधिक व्यवस्थित तरीके से हो सकेगा।