पड़ोसी देश नेपाल के पूर्वी इलम जिले में भारी बारिश और भूस्खलन ने कहर बरपाया है। पिछले 24 घंटों में इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई है। बाढ़ और भूस्खलन के कारण कई फ्लाइट को भी डायवर्ट करना पड़ा। रविवार सुबह तक विभिन्न नगरपालिका क्षेत्रों में हुई घटनाओं की शुरुआती रिपोर्ट में सूर्योदय नगर पालिका में भूस्खलन से कम से कम 5 लोगों की मौत हुई, मंगसेबुंग नगर पालिका में 3 और इलम नगर पालिका में 6 लोगों के हताहत होने की खबर मिली। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य जारी हैं।
एसएसपी पोखरेल ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में बताया कि अभी नुकसान का प्रारंभिक आकलन किया जा रहा है और मरने वालों की संख्या बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अभी तक केवल प्रारंभिक विवरण उपलब्ध है और पूरी स्थिति का आंकलन जारी है।
सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती
भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर नेपाल सेना, सशस्त्र पुलिस बल और नेपाल पुलिस को प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है। इन सुरक्षा एजेंसियों का मुख्य काम प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाना और राहत कार्यों में मदद करना है। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों से चेतावनी दी है कि वे नदी किनारे और खतरे वाले क्षेत्रों में न जाएं।
बचाव अभियान जारी
सुरक्षा एजेंसियों ने शनिवार को काठमांडू घाटी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक तलाशी अभियान चलाया। घर-घर जाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के साथ उनके जरूरी सामान को भी सुरक्षित किया गया। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ के पानी से कई सड़क किनारे बस्तियों में खतरा बढ़ गया है।
नेपाल के जल विज्ञान और मौसम विभाग ने बागमती, हनुमंते, मनोहरा, धोबी खोला, बिष्णुमती, नक्खू और बल्खू नदियों में जलस्तर बढ़ने की जानकारी दी है। विभाग ने चेतावनी दी है कि इन नदियों का पानी सड़क किनारे और बस्तियों तक फैल सकता है। निवासियों और वाहन चालकों से आग्रह किया गया है कि वे नदी के किनारे यात्रा करने से बचें।
आगे की संभावनाएँ
मौसम विभाग ने बताया कि भारी बारिश का सिलसिला अभी कुछ और दिन तक जारी रह सकता है। इसलिए प्रभावित जिलों में सुरक्षा एजेंसियां और राहत टीम सतर्क हैं। प्रशासन ने बचाव केंद्रों की व्यवस्था की है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए विशेष वाहन और सहायता उपलब्ध कराई गई है।
स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि वे प्रभावित इलाकों में लगातार निगरानी रख रहे हैं और बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। लोग इस दौरान नदी और ढलानों के पास जाने से बचें और बचाव दल के निर्देशों का पालन करें।