कुछ फिल्में सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं बनतीं, बल्कि लोगों के दिलों में बस जाती हैं। ऐसी ही एक फिल्म है ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ (DDLJ), जिसने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाया बल्कि भारतीय संस्कृति को एक नए रंग में पेश किया। 1995 में रिलीज़ हुई इस फिल्म ने न सिर्फ एक नई पीढ़ी को प्रेम की नई परिभाषा दी बल्कि करवा चौथ जैसे त्योहार को घर-घर में लोकप्रिय बना दिया। फिल्म का आखिरी ट्रेन वाला सीन और करवा चौथ वाला गीत आज भी दर्शकों के दिल में जिंदा है।
आदित्य चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने हिंदी सिनेमा को एक नई पहचान दी। शाहरुख खान, काजोल, अमरीश पुरी और कई दमदार कलाकारों से सजी ‘डीडीएलजे’ ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ 103 करोड़ रुपये कमाए, जबकि बजट सिर्फ 4 करोड़ का था। यह फिल्म न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी ब्लॉकबस्टर साबित हुई। फिल्म की खास बात थी। इसका इमोशन, म्यूजिक और त्योहारों से जुड़ा गहरा जुड़ाव।
फिल्म का टर्निंग प्वॉइंट
फिल्म में दिखाया गया करवा चौथ का सीन दर्शकों को गहराई से छू गया। इस सीन में ‘तेरे हाथ से पी के पानी, दासी से हो जाऊं रानी…’ गीत बजता है। उस दौर में इस गाने की अपील इतनी थी कि सुहागन महिलाएं इसे अपना पसंदीदा गीत मानने लगीं। यह सीन न सिर्फ कहानी में एक भावनात्मक मोड़ लाता है, बल्कि इसे बॉलीवुड के सबसे यादगार पलों में से एक बना देता है।
लिखी इतिहास की नई इबारत
‘डीडीएलजे’ को एक नेशनल अवॉर्ड और 10 फिल्मफेयर अवॉर्ड समेत कुल 15 अवॉर्ड मिले। इसके गाने ‘मेहंदी लगा के रखना’, ‘तुझे देखा तो ये जाना सनम’ आज भी हर शादी-पार्टी में गूंजते हैं। फिल्म इतनी बड़ी हिट हुई कि मुंबई के मराठा मंदिर थिएटर में यह 1000 दिनों से भी ज्यादा चली। इस फिल्म ने शाहरुख खान को “रोमांस के बादशाह” के रूप में स्थापित कर दिया।
काजोल का नजरिया
फिल्म में सिमरन बनीं काजोल ने एक इंटरव्यू में करवा चौथ के उपवास को लेकर अपना मत भी रखा था। उन्होंने कहा कि वो सिमरन के कई विचारों से सहमत नहीं थीं, लेकिन दर्शकों ने उस किरदार को इतना प्यार दिया कि वह भारतीय सिनेमा का एक आइकॉनिक चेहरा बन गया।