चीन के झिंजियांग प्रांत में मंगलवार सुबह भूकंप के तेज झटकों से लोग दहशत में आ गए। सुबह करीब 8 बजकर 45 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.2 दर्ज की गई। झटके इतने तीव्र थे कि कई इलाकों में लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकलकर खुले स्थानों में आ गए।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। केंद्र के अनुसार, यह एक “उथला भूकंप” था, जो आम तौर पर सतह पर अधिक नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखता है।
लोगों में मची अफरातफरी
स्थानीय प्रशासन ने बताया कि भूकंप के तुरंत बाद कई स्थानों पर कंपन कुछ सेकंड तक महसूस किया गया। कुछ घरों की दीवारों में दरारें भी देखने को मिलीं। राहत की बात यह रही कि अब तक किसी के हताहत या बड़े नुकसान की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
घटना के बाद इलाके में बिजली और इंटरनेट सेवाएं कुछ देर के लिए बाधित रहीं, हालांकि बाद में इन्हें बहाल कर दिया गया। प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए इलाके में पुलिस और आपात राहत दलों को तैनात कर दिया है।
उथले भूकंप अधिक खतरनाक क्यों होते हैं
भूकंप विशेषज्ञों का कहना है कि उथले भूकंप गहरे भूकंपों की तुलना में ज्यादा खतरनाक होते हैं, क्योंकि इनसे निकलने वाली भूकंपीय तरंगें सतह तक जल्दी और अधिक तीव्रता के साथ पहुंचती हैं।
इससे जमीन का कंपन ज्यादा तेज होता है, जिससे इमारतों, पुलों और सड़कों को अधिक नुकसान पहुंच सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, झिंजियांग क्षेत्र पहले भी भूकंपीय दृष्टि से सक्रिय रहा है और यहां समय-समय पर मध्यम तीव्रता के भूकंप आते रहे हैं।
प्रशासन ने लोगों से की अपील
झिंजियांग के स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांत रहने और अफवाहों से बचने की अपील की है। अधिकारियों ने बताया कि आपात राहत टीमों को अलर्ट पर रखा गया है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी की जा रही है।
भूकंप के बाद स्थानीय टीवी चैनलों पर नागरिकों को सेफ्टी गाइडलाइन भी बताई जा रही हैं, जिनमें घर के कमजोर हिस्सों से दूर रहने, बिजली के उपकरण बंद करने और किसी भी आफ्टरशॉक की स्थिति में खुले क्षेत्र में जाने की सलाह दी गई है।
पहले भी झिंजियांग में आए हैं झटके
गौरतलब है कि झिंजियांग चीन का एक ऐसा इलाका है जहां टेक्टॉनिक प्लेट्स की हलचल अक्सर दर्ज की जाती है। इसी साल अप्रैल और जून में भी यहां हल्के भूकंप आए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह क्षेत्र “सेस्मिक बेल्ट” का हिस्सा है, जो मध्य एशिया के कई हिस्सों से जुड़ा हुआ है।
फिलहाल, राहत दल स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और नुकसान का आंकलन जारी है।
