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ABVP का इंजीनियरिंग कॉलेज के बाहर अनिश्चितकालीन धरना, भ्रष्टाचार के आरोप; जांच टीम ने 9 घंटे खंगाले दस्तावेज

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Published On: 16 October 2025

ग्वालियर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. जे.के. श्रीवास्तव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मंगलवार दोपहर से कॉलेज के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। परिषद का कहना है कि पूर्व प्राचार्य के कार्यकाल में वित्तीय अनियमितताएं हुईं, लेकिन विभाग अब तक कार्रवाई नहीं कर पाया है। बुधवार को तकनीकी शिक्षा विभाग की चार सदस्यीय जांच टीम ने कॉलेज पहुंचकर पूरे मामले की जांच की और दस्तावेजों की छानबीन में करीब 9 घंटे लगाए।

धरना मंगलवार दोपहर 1 बजे से परिषद के महानगर मंत्री सिद्धार्थ यादव के नेतृत्व में शुरू हुआ। परिषद ने बताया कि 1 सितंबर को भी इस संबंध में ज्ञापन सौंपा गया था, मगर कोई कदम नहीं उठाया गया। छात्रों और परिषद के सदस्यों ने कहा कि जब तक जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती, धरना जारी रहेगा।

आगे की कार्रवाई

बुधवार को भोपाल से आई जांच टीम में एडिशनल डायरेक्टर रवि नगाईज, एडिशनल डायरेक्टर (फायनेंस) संजय कुमार, भोपाल इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर राव और जीएसआईटी कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर पुरोहित शामिल थे। टीम ने कॉलेज के वित्तीय दस्तावेज, भुगतान रजिस्टर, बिलों और परियोजनाओं से संबंधित फाइलों की बारीकी से जांच की। देर शाम तक सभी सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर विभाग के आयुक्त को भेज दी। बताया जा रहा है कि आगे की कार्रवाई भोपाल स्तर से तय होगी।

विरोध दर्ज

धरनास्थल पर माहौल बुधवार देर रात तक शांत रहा, लेकिन छात्रों ने साफ कहा कि जब तक ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, वे पीछे नहीं हटेंगे। परिषद के महानगर मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा, “हमने शांतिपूर्ण तरीके से अपना पक्ष रखा है, लेकिन अगर गुरुवार तक कार्रवाई नहीं हुई तो तकनीकी शिक्षा मंत्री और विभाग आयुक्त का पुतला जलाकर विरोध दर्ज कराएंगे।”

धरने की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस भी मौके पर पहुंची, ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। हालांकि कोई अप्रिय स्थिति नहीं बनी। जांच टीम ने भी परिषद से धरना समाप्त करने का अनुरोध किया, लेकिन छात्रों ने कहा कि सिर्फ जांच नहीं, परिणाम चाहिए।

एबीवीपी के इस आंदोलन से कॉलेज प्रशासन में भी हलचल मच गई है। छात्रों का कहना है कि अगर भ्रष्टाचार की जांच पारदर्शी तरीके से नहीं हुई, तो आंदोलन को राज्यव्यापी रूप दिया जाएगा। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि तकनीकी शिक्षा विभाग गुरुवार तक क्या कदम उठाता है।

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