दिवाली आने में अब बस एक दिन बाकी है और दिल्ली की हवा पहले ही धुंध से भरने लगी है। पिछले एक हफ्ते से राजधानी का एक्यूआई लगातार “खराब” श्रेणी में बना हुआ है। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए ग्रीन पटाखों पर लगी रोक को आंशिक रूप से हटा दिया है।
हालांकि कोर्ट ने साफ कर दिया है कि यह छूट “टेस्ट केस” के तौर पर दी जा रही है। यानी अभी ये पूरी तरह से खुली छूट नहीं है, बल्कि एक सीमित प्रयोग है ताकि देखा जा सके कि ग्रीन पटाखे वास्तव में प्रदूषण कम करते हैं या नहीं। कोर्ट ने यह भी कहा है कि नियमों का पालन न होने पर इजाजत तुरंत वापस ली जा सकती है।
दिल्ली की हवा फिर बिगड़ी
सीपीसीबी के अनुसार शनिवार को दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 268 दर्ज हुआ, जो “खराब” स्तर में आता है। इससे पहले दो दिन यह आंकड़ा 245 और 254 के बीच रहा था। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर दिवाली पर पटाखे ज्यादा चले तो हवा “गंभीर श्रेणी” में पहुंच सकती है।
मौसम विभाग और एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग एजेंसियों का अनुमान है कि अगले दो दिनों में दिल्ली की हवा में PM2.5 और PM10 कणों की मात्रा तेजी से बढ़ेगी, खासकर तब जब मौसम शांत और हवा की गति कम होगी।
कौन से पटाखे चलेंगे और कब
सुप्रीम कोर्ट ने केवल NEERI और PESO से मंजूर ग्रीन पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल की अनुमति दी है। इन पटाखों पर QR कोड होना जरूरी है, ताकि फर्जी पटाखों की पहचान की जा सके। लड़ी वाले पटाखों पर पूरी तरह से रोक रहेगी। पटाखे जलाने का समय भी तय किया गया है 19 और 20 अक्टूबर को सुबह 6 से 7 बजे तक और रात 8 से 10 बजे तक ही इन्हें चलाया जा सकेगा।
पुलिस की सख्ती और निगरानी
दिल्ली पुलिस ने पूरे शहर में 168 अस्थायी लाइसेंस जारी किए हैं ताकि सिर्फ मंजूर दुकानों से ही पटाखे बेचे जा सकें। पुलिस टीमों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बिना QR कोड वाले पटाखों की बिक्री करने वालों पर तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए। इसके अलावा, दिवाली की रात सभी थानों की टीमों को पेट्रोलिंग पर रखा जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लोग तय समय और नियमों के भीतर ही पटाखे चलाएं।
अधिकारियों का कहना है कि अगर लोग सहयोग करें तो दिल्ली की हवा को कुछ हद तक बचाया जा सकता है, वरना दिवाली के बाद फिर वही घुटन भरी सुबहें लौट आएंगी।
