ग्वालियर में बुधवार 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जाएगा। जिले की सबसे बड़ी गोशाला, लालटिपारा में इस मौके पर 108 टन गोबर से तैयार गोवर्धन पर्वत स्थापित किया गया है। यह पर्वत 21 फीट ऊँचा और 11 फीट चौड़ा है। गोशाला में आसपास के 50 से ज्यादा गांवों के लोग अलग-अलग समय पर सामूहिक रूप से पूजा अर्चना में भाग लेते हैं। गोवर्धन पर्वत बनाने का कार्य मेरठ से आए साधुओं के दल ने किया है।
विशेष पूजा और मुख्य अतिथि
बुधवार को यहां विशेष पूजा अर्चना आयोजित की जाएगी। मुख्य अतिथि के रूप में संघ से जुड़े यशवंत इंदापुरकर शामिल होंगे। इसके अलावा पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया और अन्य समाज सेवी लोग भी पूजा में भाग लेंगे। दीपावली के अगले दिन को पड़वा कहा जाता है और इस दिन भगवान गोवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना की जाती है। इस साल दीपावली के अगले दिन खाली होने के कारण पूजा बुधवार को ही संपन्न की जा रही है।
आसपास के गांव भी जोड़ते हैं रंग
गोशाला के संरक्षक संत श्री ऋषभ देव आनंद महाराज ने बताया कि लालटिपारा स्थित गोशाला में हर साल दीपावली की पड़वा पर गोवर्धन पूजा का आयोजन होता है। इसमें सनातन धर्म के अनुयायी और विभिन्न समाज सेवी संगठन बड़ी संख्या में शामिल होते हैं।
साथ ही आसपास के गांवों के लोग भी इस पूजन में भाग लेते हैं। इस बार 108 टन गोबर से 21 फीट ऊँचा गोवर्धन पर्वत बनाया गया है, जो देखने में बेहद आकर्षक है।
दुल्लपुर गांव में भी होती है बड़ी पूजा
ग्वालियर शहर में दूसरे सबसे बड़े गोवर्धन पर्वत का आयोजन दुल्लपुर गांव में होता है। यहां गुर्जर समुदाय के 253 परिवार एक साथ गोवर्धन पूजा में शामिल होते हैं।
सैकड़ों लोग एक साथ पूजा करते हैं, जिससे दृश्य अत्यंत भव्य और देखने लायक होता है। यहां भी काफी बड़े गोवर्धन बनाए जाते हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं।
