केदारनाथ धाम के कपाट आज, 23 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। इस अवसर पर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। रुद्रप्रयाग के एसपी अक्षय प्रल्हाद कोंडे ने स्वयं गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल यात्रा कर मार्ग में सभी पड़ावों और व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। सभी भक्तों ने भगवान केदारनाथ जी को भावुक विदाई दिया। उन्होंने यात्रा मार्ग पर स्थापित पुलिस चौकियों में तैनात जवानों से मुलाकात की और कपाट बंद होने के बाद की व्यवस्थाओं व सुरक्षा तैयारियों के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी इंतज़ाम किए हैं।
केदारनाथ धाम के कपाट आज, 23 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। इस अवसर पर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं की पूरी तैयारी कर ली है। कपाट बंद होने के बाद भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात रहेगा।
केदारनाथ धाम के कपाट हुए बंद
केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद पुलिस प्रशासन ने यात्रा व्यवस्था से जुड़ी सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। रुद्रप्रयाग के एसपी अक्षय प्रल्हाद कोंडे ने बताया कि कपाट बंद होने के साथ ही पुलिस बल को यात्रा ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा। ऐसे में अगले छह महीनों तक, जब तक कपाट दोबारा नहीं खुलते, तब तक पुलिस सभी राजकीय संपत्ति और आवश्यक सामग्री को सुरक्षित और व्यवस्थित रखेगी, ताकि अगले यात्राकाल में उनका सही उपयोग किया जा सके। एसपी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सामग्री के रख-रखाव के साथ-साथ पुलिस बल के आवासीय स्थलों और भोजनालयों की पूरी साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए।
आज भैया दूज के पावन अवसर पर श्री केदारनाथ धाम के कपाट विधि-विधान एवं धार्मिक परंपराओं के साथ शीतकाल हेतु बंद हो गए। कपाट बंद होने से पूर्व बाबा केदार की पूजा-अर्चना में सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। pic.twitter.com/CgFfdZu3fd
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 23, 2025
दिए गए विशेष निर्देश
- केदारनाथ यात्रा मार्ग के विभिन्न पड़ावों पर तैनात पुलिस बल को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
- जंगलचट्टी में मौजूद पुलिस कर्मियों को अपनी राजकीय सामग्री को गौरीकुण्ड में व्यवस्थित करने के आदेश दिए हैं।
- भीमबली और लिंचोली के चौकी प्रभारी समेत उनके अधीनस्थ पुलिस बल को सभी राजकीय संपत्तियों और आवश्यक सामग्रियों को
- सुव्यवस्थित ढंग से सुरक्षित रखने के निर्देश मिले हैं।
- यह पूरी प्रक्रिया शीतकाल के दौरान संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित के लिए लिया गया है।
- यह निर्देश अगले यात्रा सत्र के लिए बेहतर तैयारियां करने के उद्देश्य से की जा रही है।
