MP कांग्रेस में संगठनात्मक कामकाज को और मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के निर्देश पर राज्य में चल रहे Special Intensive Revision (SIR) कार्यक्रम की मॉनिटरिंग और समीक्षा के लिए एक नई समिति का गठन किया गया है। इसका उद्देश्य पार्टी की गतिविधियों को ज्यादा व्यवस्थित और पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ाना है। AICC के मध्य प्रदेश प्रभारी हरिश चौधरी ने इस समिति के गठन का आदेश जारी किया है।
उनके मुताबिक, प्रदेश स्तर पर चल रहे SIR कार्यक्रम की नियमित निगरानी बेहद जरूरी है ताकि कार्यकर्ताओं से लेकर नेताओं तक सभी की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने साफ कहा कि यह सिर्फ औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि संगठन को नए सिरे से मजबूत करने की दिशा में गंभीर पहल है।
वरिष्ठ नेताओं को मिली जिम्मेदारी
गठित समिति में कई वरिष्ठ और सक्रिय नेताओं को जगह दी गई है। सज्जन सिंह वर्मा को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं सदस्य के तौर पर डॉ. संजय कामले, राजीव सिंह, शैलेन्द्र पटेल, जे.पी. धनोपिया, गोरखी बैरागी, रितेश जैन और ललित सेन को शामिल किया गया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह टीम प्रदेशभर में SIR कार्यक्रम की गति और गुणवत्ता पर नजर रखेगी और नियमित रूप से रिपोर्ट भी तैयार करेगी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार, मध्य प्रदेश में चलाए जा रहे राज्य स्तरीय SIR (Special Intensive Revision) कार्यक्रम के प्रभावी मॉनिटरिंग एवं समन्वय हेतु निम्नानुसार समिति का गठन किया गया। pic.twitter.com/AWoMgmgzl3
— MP Congress (@INCMP) November 1, 2025
SIR यानी Special Intensive Revision कांग्रेस का एक विशेष कार्यक्रम है, जिसके तहत संगठनात्मक ढांचे, सदस्यता अभियान और बूथ स्तर तक की तैयारियों की गहन समीक्षा की जाती है। यह कार्यक्रम प्रदेश कांग्रेस के लिए बेहद अहम माना जा रहा है, खासकर आने वाले चुनावी माहौल को देखते हुए। इस पहल से पार्टी का मकसद कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करना और स्थानीय स्तर पर संगठन को मजबूत बनाना है।
चौधरी ने दिए सख्त निर्देश
हरिश चौधरी ने समिति के सभी सदस्यों से कहा है कि वे पूरे समर्पण और सक्रियता के साथ जिम्मेदारी निभाएं। उन्होंने निर्देश दिया कि हर जिले में चल रही गतिविधियों की समीक्षा समय-समय पर की जाए और जरूरत पड़ने पर सुधार के सुझाव दिए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि यह समिति सिर्फ समीक्षा तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह सुनिश्चित करेगी कि कार्यक्रम के नतीजे जमीन पर नजर आएं।
