MP में नवंबर की शुरुआत बारिश और ठंड के साथ होने जा रही है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन तक राज्य के कई जिलों में हल्की बारिश की संभावना जताई है। रविवार को खासतौर पर इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के करीब 10 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं भोपाल, ग्वालियर और उज्जैन में बादल छाए रहेंगे और हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। मौसम विभाग की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों ओर से निम्न दबाव के क्षेत्र बने हुए हैं। हालांकि, इनका असर प्रदेश में बहुत ज्यादा नहीं दिखेगा। फिलहाल हल्की बारिश का दौर रहेगा, पर भारी बारिश की संभावना कहीं नहीं है। पिछले कुछ दिनों से जो सिस्टम एक्टिव था, वह अब कमजोर पड़ चुका है।
अगले 24 घंटे में झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जिलों में बारिश हो सकती है। भोपाल में शाम या रात के वक्त फुहारें पड़ने की संभावना है।
वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर
3 नवंबर की रात से पश्चिमी हिमालय की तरफ एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होगा, जिसका असर दो दिन बाद मध्य प्रदेश में दिखेगा। इसके चलते उत्तर से ठंडी हवाएं चलेंगी और दिन का तापमान भी गिर सकता है। इस बार अक्टूबर में प्रदेश में सामान्य से 121% ज्यादा बारिश हुई। औसतन 1.3 इंच की जगह 2.8 इंच बारिश दर्ज की गई। भोपाल में तो 30 अक्टूबर का दिन पिछले 25 साल का सबसे ठंडा दिन रहा, जब तापमान 24 डिग्री तक ही पहुंचा। उज्जैन, नरसिंहपुर और छतरपुर में भी पारा 24 डिग्री से नीचे रहा।
दूसरी बार सबसे ज्यादा बारिश
इस बार इंदौर में अक्टूबर के महीने में 3.4 इंच पानी गिरा, जो पिछले 10 सालों में दूसरी बार इतनी ज्यादा बारिश रही। वहीं श्योपुर, झाबुआ, सिंगरौली और सीधी जैसे जिलों में भी रिकॉर्ड बारिश दर्ज हुई। खंडवा एकमात्र जिला रहा जहां औसत से कम बारिश हुई। मौसम विभाग का कहना है कि दूसरे सप्ताह से ठंड तेजी से बढ़ेगी, खासकर ग्वालियर-चंबल में जहां उत्तर की हवाएं सीधी आती हैं। ग्वालियर में पहले भी नवंबर में तापमान 3 डिग्री तक गिर चुका है। भोपाल और इंदौर में भी इस बार ठंड जल्दी दस्तक दे सकती है।
