ISRO ने GSAT-7R सैटेलाइट को किया लॉन्च, जानें इसकी तकनीकी खूबियां और कैसे करेगा काम

Author Picture
Published On: 3 November 2025

भारत की रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़ी सफलता मिली है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भारतीय नौसेना के लिए CMS-03 (GSAT-7R) कम्युनिकेशन सैटेलाइट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा है। यह सैटेलाइट नौसेना के लिए अब तक का सबसे आधुनिक और शक्तिशाली उपकरण माना जा रहा है, जो समुद्र से लेकर अंतरिक्ष तक भारत की निगरानी और संचार क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा। इससे पहले ISRO ने वायु सेना के लिए GSAT-7A और थल सेना के लिए प्रस्तावित GSAT-7B मिशनों पर काम किया था, जबकि GSAT-7R इस श्रृंखला का सबसे उन्नत संस्करण है, जो भारतीय रक्षा संचार नेटवर्क को और अधिक सुरक्षित और मजबूत बनाएगा।

भारत की अंतरिक्ष और रक्षा क्षमताओं में एक नया मील का पत्थर जुड़ गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भारतीय नौसेना के लिए CMS-03 (GSAT-7R) कम्युनिकेशन सैटेलाइट को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया। यह सैटेलाइट नौसेना के लिए अब तक का सबसे आधुनिक और शक्तिशाली उपग्रह माना जा रहा है।

GSAT-7R लॉन्च

आज आंध्र प्रदेश के सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा से ISRO ने अपने “बाहुबली रॉकेट” GSLV Mk-III (LVM3) की मदद से एक महत्वपूर्ण सैटेलाइट को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। महीनों की कड़ी तैयारी और परीक्षण के बाद यह मिशन सफल रहा, जिसे भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ते हुए GSAT-7R सैटेलाइट को लॉन्च किया है।

क्यों खास है यह लॉन्च?

भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक अहम कदम उठाया है। हाल ही में लॉन्च किया गया CMS-03 (GSAT-7R) सैटेलाइट नौसेना की कम्युनिकेशन और निगरानी क्षमताओं को बढ़ाएगा, जिससे भारत की समुद्री सुरक्षा नीति को नई मजबूती मिलेगी। नौसेना प्रमुखों ने इसे “राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए मील का पत्थर” करार दिया है, खासकर तब जब क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान जैसी देशों की उपस्थिति लगातार बढ़ रही है।

GSAT-7R कैसे करेगा काम

  • भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया GSAT-7R एक विशेष कम्युनिकेशन सैटेलाइट है।
  • जो नौसेना के जहाजों, विमानों, पनडुब्बियों और कमांड सेंटर्स के बीच तेज़, सुरक्षित और निरंतर संचार स्थापित करेगा।
  • यह सैटेलाइट पूरी तरह से भारत में डिजाइन और विकसित किया गया है।
  • जो देश की 100% स्वदेशी तकनीक का प्रतीक है।

खास तकनीकी खूबियां

  • भारत ने अपने अब तक के सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-7R को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।
  • इसका वजन लगभग 4400 किलोग्राम है।
  • यह सैटेलाइट कई फ्रीक्वेंसी बैंड्स पर काम करेगा, जिससे वॉइस, वीडियो और डेटा ट्रांसफर तेज़ और सुरक्षित होगा।
  • GSAT-7R पूरे भारतीय महासागर क्षेत्र को कवर करेगा।
  • जिससे समुद्री सीमाओं पर निगरानी और सुरक्षा और मज़बूत होगी।
  • इसके हाई बैंडविड्थ के कारण नौसेना के जहाजों और कंट्रोल रूम्स के बीच बिना किसी रुकावट के डेटा और वीडियो ट्रांसफर संभव होगा।

नौसेना को मिलेगा फायदा

  • भारतीय नौसेना के लिए GSAT-7R सैटेलाइट गेमचेंजर साबित होगा।
  • इसके जरिए जहाजों के बीच रियल-टाइम संचार और जानकारी साझा करना आसान होगा।
  • समुद्री इलाके में हर गतिविधि पर तुरंत नजर रखी जा सकेगी और दुश्मन की गतिविधियों पर सतर्क निगरानी रखी जाएगी।
  • यह विदेशी सैटेलाइट पर निर्भरता खत्म कर भारत को पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाएगा।
Related News
Home
Web Stories
Instagram
WhatsApp