राहुल गांधी के मध्य प्रदेश दौरे से पहले कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार और भारत निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। पार्टी ने दावा किया कि देशभर में एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) प्रक्रिया के नाम पर भाजपा सरकार चुनावी गड़बड़ी कर रही है और मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की जा रही है। कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र पर सीधा हमला बताते हुए इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है।
राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन
राजधानी में आयोजित संयुक्त प्रेसवार्ता में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और एसआईआर कमेटी के चेयरमैन सज्जन वर्मा मौजूद रहे। नेताओं ने बताया कि जल्द ही दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल रैली होगी, जिसमें जनता से हस्ताक्षर अभियान चलाकर 5 करोड़ से ज्यादा हस्ताक्षरों के साथ राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
बिहार में 62 लाख वोटर लिस्ट से बाहर
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि एसआईआर के नए नियमों के तहत अब नागरिकों से नागरिकता का प्रमाण मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह गरीबों, मजदूरों और बेघर लोगों के लिए खतरे की घंटी है। दिग्विजय ने आरोप लगाया कि बिहार में 62 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए, जिनमें ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं। उन्होंने कहा, “भाजपा इसे घुसपैठ रोकने के नाम पर राजनीति के लिए इस्तेमाल कर रही है, जबकि यह पूरी तरह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है।”
उन्होंने यह भी कहा कि यूपीए सरकार के समय 88 हजार घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर किया गया था, जबकि 2014 से अब तक एनडीए सरकार केवल 2400 लोगों की पहचान कर पाई है। इतनी कम संख्या बताती है कि असली मकसद देश की सुरक्षा नहीं, बल्कि मतदाता सूचियों से चुनिंदा लोगों को हटाना है।
हमारे पास ‘वोट चोरी’ के बहुत सारे सबूत हैं। pic.twitter.com/zeozZ7junG
— MP Congress (@INCMP) November 7, 2025
ब्राजील की मॉडल भी अब बनी वोटर
वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि मध्य प्रदेश में भी 50 लाख से ज्यादा वोटरों के नाम काटने की तैयारी चल रही है। इनमें आदिवासी, अप्रवासी और कमजोर तबकों के लोग शामिल हैं। उन्होंने तंज कसा, “अब तो वोट चोरी का खेल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है। ब्राजील की मॉडल भी अब हमारी वोटर लिस्ट में शामिल हो गई है।” सिंघार ने कहा कि कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल गांधी की बैठक से पहले निर्वाचन आयोग इस मुद्दे पर सफाई देगा और वोटर लिस्ट की समीक्षा करेगा।
दिग्विजय सिंह ने यह भी मांग रखी कि जिस दिन चुनाव की तारीख घोषित हो, उसी दिन वोटर लिस्ट को फ्रीज कर दिया जाए ताकि बाद में कोई नाम जोड़ा या हटाया न जा सके।
