श्रद्धा और परंपरा के संगम उज्जैन में सोमवार 10 नवंबर को एक बार फिर भक्ति का महापर्व सजेगा। भगवान महाकालेश्वर की मार्गशीर्ष माह की पहली और कार्तिक-अगहन माह की तीसरी सवारी शाम चार बजे मंदिर से नगर भ्रमण के लिए निकलेगी। इस अवसर पर पूरा शहर हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठेगा।
सवारी से पहले श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर के सभामंडप में विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। पूजन के बाद भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर के स्वरूप में रजत पालकी में विराजमान होंगे और पारंपरिक ढंग से नगर भ्रमण के लिए प्रस्थान करेंगे। इस दौरान मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल भगवान को गार्ड ऑफ ऑनर देगा।
भक्ति और सुरक्षा का संगम
सवारी में तोपची, कडाबीन, पुलिस बैंड, घुड़सवार दस्ते, सशस्त्र बल के जवान, मंदिर समिति का बैंड, भजन मंडली, पंडे-पुजारी और प्रशासनिक अधिकारी शामिल रहेंगे। शहर के प्रमुख मार्गों पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो। सवारी मंदिर से निकलकर महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंचेगी। यहां मां शिप्रा के पावन जल से भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर का अभिषेक किया जाएगा। जलाभिषेक के दौरान पूरा घाट घंटों, शंखनाद और भजनों की ध्वनि से गूंजेगा।
फिर लौटेंगे अपने धाम
अभिषेक के बाद भगवान की पालकी गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुनः महाकाल मंदिर लौटेगी। सवारी मार्ग पर फूलों की वर्षा और दीप सज्जा से शहर स्वर्ग समान दिखेगा।
भक्ति से सराबोर रहेगा उज्जैन
महाकाल की यह सवारी उज्जैन की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं। इस दिन शहर का हर घर, हर गली और हर दिल महादेव के नाम से झूम उठता है। आज शाम जब रजत पालकी में विराजे भगवान चन्द्रमौलीश्वर नगर भ्रमण को निकलेंगे, तब उज्जैन एक बार फिर उस अद्भुत दृश्य का साक्षी बनेगा
