MP में चल रही SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर सरकार और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं। मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई समन्वय समिति की बैठक में कांग्रेस नेताओं ने मतदाता सूची संशोधन की प्रक्रिया में गड़बड़ियों को लेकर चिंता जाहिर की। बैठक में प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, सज्जन सिंह वर्मा, संजय दत्त, सुखदेव पांसे और कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बैठक में तय किया गया कि कांग्रेस हर स्तर पर इस प्रक्रिया पर नजर रखेगी और किसी भी मतदाता का नाम लिस्ट से कटने नहीं देगी।
जीतू पटवारी ने बैठक के दौरान कहा कि 4 नवंबर से शुरू हुई यह प्रक्रिया पूरी तरह लापरवाही से भरी है। चुनाव आयोग ने BLA को घर-घर जाकर मतदाताओं की जांच करने का जिम्मा दिया था, लेकिन 70 फीसदी इलाकों में यह काम अधूरा पड़ा है। उन्होंने कहा कि “शासन और प्रशासन दोनों ही अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभा रहे। हर दिन नई शिकायतें आ रही हैं और आयोग बस चुप्पी साधे बैठा है।”
नहीं हुआ सुधार
पटवारी ने आरोप लगाया कि यह सब एक साजिश के तहत किया जा रहा है, ताकि कई इलाकों में कांग्रेस समर्थक मतदाताओं के नाम सूची से गायब कराए जा सकें। उन्होंने कहा, “हमने अब तक पांच बार चुनाव आयोग से मुलाकात की है, लेकिन किसी स्तर पर सुधार नहीं हुआ। ऐसा लग रहा है जैसे बीजेपी चाहती है कि बड़ी संख्या में वोट कट जाएं।” उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस पूरी ताकत से मैदान में उतरेगी। प्रदेश के हर ब्लॉक में हमारी टीमें सक्रिय हैं। एक-एक मतदाता पर नजर रखी जा रही है। हम किसी भी नागरिक का वोट कटने नहीं देंगे। बीजेपी का षड्यंत्र नाकाम होगा।
चुनाव आयोग अब मध्यप्रदेश में भी मतदाताओं के अधिकारों का हनन कर रहा है!
📍PCC भोपाल pic.twitter.com/NbZf8hj8SB
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) November 12, 2025
दी जाएगी ऑनलाइन ट्रेनिंग
कांग्रेस ने विधानसभावार BLA और प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं, जिन्हें जल्द ही ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही पार्टी ने चुनाव आयोग से मांग की है कि कांग्रेस के सभी BLA को 2003 और 2024 की मतदाता सूचियाँ उपलब्ध कराई जाएं, ताकि पुराने रिकॉर्ड के आधार पर मतदाता नामों की तुलना की जा सके। बैठक के अंत में कांग्रेस ने साफ किया कि वह किसी भी हाल में जनता के अधिकारों के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगी और SIR प्रक्रिया की हर अनियमितता को सामने लाकर सुधार की मांग करती रहेगी।
