सऊदी अरब और अमेरिका एक नए रक्षा अध्याय की ओर बढ़ रहे हैं, साल की शुरुआत में सऊदी अरब ने सीधे ट्रंप से एफ-35 लड़ाकू विमान खरीदने में रुचि दिखाई है , और आज ट्रंप ने संकेत दिया कि वे सऊदी अरब को लॉकहीड मार्टिन के F-35 स्टील्थ विमानों की आपूर्ति के लिए समझौते पर विचार कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि सऊदी अरब ढेर सारे विमान खरीदना चाहता है और उन्होंने इस प्रस्ताव पर विचार करने की बात कही, जबकि सऊदी अरब वास्तव में एफ-35 से भी अधिक लड़ाकू विमान खरीदने की योजना बना रहा है।
सऊदी अरब और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग बढ़ सकता है, क्योंकि ट्रंप प्रशासन सऊदी अरब को एफ-35 लड़ाकू विमान बेचने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा, ट्रंप ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ आर्थिक और रक्षा समझौतों पर जल्द हस्ताक्षर की उम्मीद जताई है।
विमान बेचने पर किया विचार
अमेरिका सऊदी अरब को 48 एफ-35 लड़ाकू विमान बेचने पर विचार कर रहा है। यह संभावित बिक्री ऐसे समय हो रही है जब ट्रंप अगले हफ्ते व्हाइट हाउस में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की मेजबानी करने वाले हैं। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच आर्थिक और रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद जताई जा रही है।
ट्रंप ने सऊदी अरब का जताया सम्मान
अमेरिका और सऊदी अरब के बीच हाल ही में बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा कि वे सऊदी अरब का सम्मान कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि सऊदी अरब जल्द ही अब्राहम समझौते में शामिल होगा, जिसने इज़राइल और मुस्लिम-बहुल देशों के बीच संबंधों को सामान्य किया है। हालांकि, रियाद ने फिलिस्तीनी राज्य के रोडमैप पर सहमति न होने के कारण इस कदम का विरोध किया है। वहीं, पेंटागन की खुफिया रिपोर्ट ने संभावित F-35 विमान सौदे पर चिंता जताई है और चेतावनी दी है कि अगर यह बिक्री आगे बढ़ती है तो चीन इस विमान की तकनीक हासिल कर सकता है।
