उज्जैन में सिंहस्थ की जमीन पर लागू की गई लैंड पुलिंग योजना को लेकर किसानों का गुस्सा अब उबाल पर है। करीब आठ महीनों से लगातार विरोध कर रहे भारतीय किसान संघ ने मंगलवार से बड़ा आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है। संगठन ने साफ कह दिया है कि मांगें नहीं मानी गईं तो कलेक्ट्रेट ही हमारा घर होगा। भारतीय किसान संघ के संयोजक भारत सिंह बेस ने बताया कि उज्जैन ही नहीं, आसपास के लगभग 18 जिलों के किसान अपने परिवारों के साथ उज्जैन पहुंचेंगे। सब लोग अपने साथ राशन, पानी, बिस्तर, चूल्हा–बर्तन तक लेकर पहुंचेंगे, ताकि लंबे आंदोलन में कोई दिक्कत न हो। उनका कहना है कि यह आंदोलन अब सरकार को झुकाने के लिए निर्णायक लड़ाई होगा।
आंदोलन की शुरुआत ऐसे होगी
मंगलवार सुबह 9 बजे किसान मेला क्षेत्र से आंदोलन की शुरुआत करेंगे। मेला क्षेत्र की “पवित्र मिट्टी” अपने साथ लेकर वे अंगारेश्वर मंदिर के पास भूमि माता मंदिर पहुंचेंगे। मिट्टी अर्पित करने के बाद यह विशाल जत्था कलेक्टर कार्यालय की ओर कूच करेगा। दोपहर करीब 12 बजे यह कारवां कोठी पैलेस के पास कलेक्ट्रेट पहुंचेगा, जहां लगभग एक हजार किसान धरना शुरू करेंगे। किसान संघ का कहना है कि प्रशासन अभी तक अनुमति देने में टालमटोल कर रहा है, लेकिन किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। उनका कहना है कि हम अनुमति से नहीं, अपने हक से लड़ने आए हैं।
किसानों की प्रमुख मांगें
- लैंड पुलिंग एक्ट तुरंत रद्द किया जाए।
- सिंहस्थ क्षेत्र में ‘आध्यात्मिक सिटी’ के नाम पर स्थाई निर्माण न हों।
- किसानों की जमीन न ली जाए।
- पूर्व की परंपरा के अनुसार ही सिंहस्थ मेला लगाया जाए।
फरवरी से लगातार विरोध
- 12 फरवरी: तहसील स्तर पर प्रदर्शन, तहसीलदार को ज्ञापन।
- 16 सितंबर: 2000 ट्रैक्टरों की रैली, जिसमें राष्ट्रीय महामंत्री मोहन मिश्र भी शामिल हुए।
- 4 अक्टूबर: 500 महिलाओं ने ‘सद्बुद्धि यज्ञ’ कर बाबा महाकाल को ज्ञापन सौंपा।
- 10 नवंबर: ढोल-नगाड़ों के साथ बड़ा प्रदर्शन और मुख्यमंत्री कार्यालय पर ज्ञापन चस्पा।
