MP में इस बार नवंबर ने जैसे ठंड का पूरा हिसाब एक साथ चुकता कर दिया हो। बर्फीली हवाएं इतनी तेज चल रही हैं कि सुबह-सुबह बाहर निकलना लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। भोपाल, इंदौर और आसपास के कई इलाकों में पारा अचानक इतना गिर गया कि पिछले कई दशकों के रिकॉर्ड धड़ाधड़ टूटने लगे। राजधानी भोपाल में तो हालात ऐसे रहे कि नवंबर की अब तक की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक, रात का तापमान 5.2 डिग्री तक लुढ़क गया, जो साल 1941 के रिकॉर्ड से भी नीचे है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से आसमान साफ है, इसलिए उत्तरी हवाएं सीधे असर दिखा रही हैं और ठंड और ज्यादा महसूस हो रही है।
ठंड के इस जोरदार थपेड़े का असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ा है। इंदौर में कलेक्टर शिवम वर्मा ने 18 नवंबर से स्कूलों की टाइमिंग बदलकर सुबह 9 बजे कर दी है। उधर भोपाल में भी आदेश जारी हो चुके हैं कि नर्सरी से 8वीं तक की कक्षाएं अब 8:30 बजे से पहले नहीं लगेंगी। कई बच्चे सुबह-सुबह कांपते हुए स्कूल पहुंच रहे थे, इसलिए प्रशासन ने राहत देते हुए समय बढ़ाया है।
शीतलहर का अलर्ट
इंदौर और भोपाल ही नहीं, प्रदेश के कई शहरों में हालात बिगड़ते दिख रहे हैं। राजगढ़ में तीव्र शीतलहर का अलर्ट है, जबकि धार, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बैतूल, देवास, सीहोर, शाजापुर, विदिशा, रायसेन, सागर, शिवपुरी, टीकमगढ़, पन्ना, सतना, कटनी, मैहर और शहडोल तक में ठंड की चेतावनी जारी की गई है। कुछ जिलों में स्कूल टाइम पहले ही बढ़ाया जा चुका है, लेकिन जबलपुर-उज्जैन सहित कई जगह बच्चे अभी भी पुराने समय पर ही पहुंच रहे हैं।
लो प्रेशर एरिया एक्टिव
ठंड इस बार जल्दी ही दस्तक दे गई है। आमतौर पर मध्य प्रदेश में नवंबर के दूसरे हफ्ते के बाद ठंड तेज होती है, लेकिन इस साल पहले हफ्ते से ही लोगों को रजाई-कंबल निकालने पड़े। ऊपर से बारिश ने भी मौसम का मिजाज बिगाड़ दिया। अक्टूबर में तो प्रदेश में औसत से दोगुनी से भी ज्यादा बारिश हो गई, जिससे ठंड और बढ़ गई। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए आधे प्रदेश में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। 22 नवंबर के बाद दक्षिण-पूर्वी खाड़ी में लो प्रेशर एरिया एक्टिव होगा, जिसके बाद मौसम में थोड़ा बदलाव आ सकता है। फिलहाल तो हालात यही कह रहे हैं।
