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आधी रात को निकले आयुक्त, रैन बसेरों की व्यवस्था देख बोले- “कोई भी खुले में न सोए”

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Published On: 19 November 2025

ठंड बढ़ रही है और शीतलहर भी दस्तक दे चुकी है। ऐसे मौसम में बेघर और मजबूर लोगों के लिए रैन बसेरे ही सहारा बनते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए नगर निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा खुद देर रात 12 बजे के बाद शहर के रैन बसेरों की हकीकत जानने निकल पड़े। बिना किसी को बताए उन्होंने फाजलपुरा, दूधतलाई, घास मंडी चौराहा और नानाखेड़ा बस स्टैंड वाले चारों आश्रय स्थलों का अचानक निरीक्षण किया।

आयुक्त जब पहुंचे तो ज्यादातर रैन बसेरों में लोग ठहर चुके थे और हीटर से हल्की गर्माहट भी मिल रही थी। उन्होंने सभी कमरों, सोने की जगह, सुरक्षा इंतजाम और साफ-सफाई को ध्यान से देखा। खास बात यह रही कि हर रैन बसेरे में सीसीटीवी कैमरे लगाए मिले, जिनकी लगातार मॉनिटरिंग भी हो रही थी। इससे वहां ठहरे लोगों को सुरक्षा का भरोसा मिलता है।

कंबल-रजाई पर्याप्त

निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने देखा कि ठंड से बचाव के लिए हीटर सही से काम कर रहे हैं और जरूरत के हिसाब से रजाई-कंबल भी उपलब्ध हैं। कई लोग वहां आराम से सोए हुए मिले। आयुक्त ने कर्मचारियों से कहा कि ठंड के दिनों में किसी भी बेघर को रैन बसेरे तक पहुंचाने में ढिलाई न बरती जाए।

सुविधाएं दुरुस्त रखने के निर्देश

आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने साफ निर्देश दिए कि रैन बसेरों की दीवारें साफ और ताज़ा रंगाई-पुताई वाली दिखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मच्छरदानी, पीने का पानी, टीवी, साफ शौचालय और जरूरत की सभी चीजें हमेशा उपलब्ध रहें। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी आश्रय स्थल में गंदगी या अव्यवस्था नहीं दिखनी चाहिए। निरीक्षण के दौरान अपर आयुक्त संदीप शिवा और जनसंपर्क अधिकारी पवन कुमार भी साथ थे। आयुक्त ने टीम से कहा कि ठंड के मौसम में रैन बसेरों के काम को और मजबूत किया जाए ताकि कोई भी मजबूरी में सड़कों पर रात न बिताए।

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