MP में इस बार नवंबर की शुरुआत से ही सर्दी ने ऐसा जोर पकड़ा है कि आधा प्रदेश ठिठुर रहा है। पहाड़ों पर चल रही लगातार बर्फबारी का सीधा असर यहां के मौसम पर पड़ रहा है। हालात ये हैं कि बुधवार की रात शाजापुर सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान सिर्फ 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके साथ ही भोपाल–इंदौर–उज्जैन–जबलपुर समेत 15 शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे पहुंच गया।
मौसम विभाग ने गुरुवार के लिए भोपाल, इंदौर, देवास, सीहोर, शाजापुर और राजगढ़ में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। यानी आज हवा में ऐसा जाड़ा चलेगा कि लोग रात की बजाय दिन में भी गर्म कपड़ों की तलाश करते नजर आएंगे।
इंदौर भी 25 साल बाद कांप रहा
इस बार ठंड ने जो करवट ली है वैसा नवंबर में बहुत कम देखने को मिलता है। भोपाल में नवंबर महीने की 84 साल पुरानी ठंड का रिकॉर्ड टूट गया, जबकि इंदौर में भी 25 साल बाद इतनी तेज सर्दी दर्ज हुई है। पिछले कुछ दिनों से रात का तापमान लगातार नीचे जा रहा है, जिससे सुबह-सुबह शहरों में कुहासा और चुभन वाली ठंड दिख रही है।
15 शहरों में पारा लुढ़का
पिछली रात राजगढ़ 6.5 डिग्री के आसपास रहा। भोपाल में 7.8, इंदौर में 6.9, उज्जैन में 9.5, जबलपुर में 9.9 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। पचमढ़ी का तापमान भी 6.6 डिग्री तक जा पहुंचा। नौगांव, शिवपुरी, खरगोन, छिंदवाड़ा और रीवा में भी पारा 8 से 10 डिग्री के बीच रहा। कुल मिलाकर प्रदेश का बड़ा हिस्सा सामान्य से काफी ज्यादा ठंड झेल रहा है। शाजापुर का दिन कोल्ड डे की श्रेणी में गया, यानी दिन भर तापमान सामान्य से बहुत नीचे रहा।
अगले दो दिन सर्दी चरम पर
मौसम विभाग कह रहा है कि अगले 48 घंटे तक प्रदेश को शीतलहर से राहत मिलने वाली नहीं है। कई जिलों में तेज हवाओं के साथ कड़ाके की ठंड जारी रहेगी। 22 नवंबर से दक्षिण-पूर्वी खाड़ी में लो प्रेशर एरिया एक्टिव होगा, उसके बाद रात की ठंड में थोड़ी ढील मिल सकती है। आमतौर पर प्रदेश में नवंबर के दूसरे–तीसरे हफ्ते में ठंड अपना असर दिखाती है, लेकिन इस बार पहले ही सप्ताह से तापमान तेजी से गिरना शुरू हो गया। Interesting बात यह भी है कि अक्टूबर में सामान्य से 121% ज्यादा बारिश हुई। उसी के बाद से मौसम का पैटर्न पूरी तरह ठंड की तरफ मुड़ गया।
