कटनी में शुक्रवार को कांग्रेस की समन्वय समिति की बैठक के दौरान प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने चुनाव आयोग पर बड़े और गंभीर आरोप लगाए। उर्वशी होटल में हुई इस बैठक में बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) प्रशिक्षण से लेकर जिले भर के संगठनात्मक ढांचे की समीक्षा की गई। बैठक खत्म होते ही चौधरी ने मीडिया के सामने एसआईआर यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन प्रक्रिया को लेकर सीधा हमला बोला। चौधरी का कहना है कि एसआईआर के नाम पर प्रदेश में मतदाता सूची से मनमाने तरीके से नाम हटाए जा रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि खास तौर पर कांग्रेस समर्थक परिवारों और कुछ विशेष वर्गों को टारगेट किया जा रहा है। उनके मुताबिक, “यह सिर्फ तकनीकी खामियां नहीं हैं, बल्कि लोकतंत्र और विपक्ष को कमजोर करने की एक साजिश है। देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि आयोग खुद निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दे।”
दिए ये निर्देश
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व भी इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहा है। चौधरी ने बताया कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश इकाइयों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे एसआईआर की हर कार्रवाई पर कड़ी नजर रखें और किसी भी अनियमितता पर तुरंत आपत्ति दर्ज कराएं। चौधरी ने यह भी कहा कि कांग्रेस एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ नहीं है। हम सिर्फ पारदर्शिता चाहते हैं। हर व्यक्ति को वोट देने का अधिकार संविधान देता है। नाम काटना हो तो सही कारण बताओ, जांच करो, नोटिस दो पर यहां तो बिना सूचना कई परिवारों की पूरी-पूरी एंट्री गायब कर दी जा रही हैं।
प्रतिक्रिया पर टिकी निगाहें
बैठक के दौरान जिला पदाधिकारियों को बूथ मैनेजमेंट मजबूत करने, ब्लॉक स्तर पर समन्वय बढ़ाने और बीएलए की सक्रियता पर फोकस करने के निर्देश भी दिए गए। चौधरी ने कहा कि अगर विपक्ष को संगठित रहकर आवाज उठानी पड़ी, तो कांग्रेस पीछे नहीं हटेगी। मतदाता सूची के साथ छेड़छाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कटनी की यह बैठक विधानसभा चुनावों की दिशा में प्रदेश की राजनीति को गर्म करने वाली साबित हुई है। कांग्रेस के आरोपों पर अब निगाहें आयोग की प्रतिक्रिया पर टिकी हुई हैं।
