उज्जैन में इस बार ठंड ने अपने तेवर कुछ ज्यादा ही दिखा दिए हैं। बीते एक हफ्ते से शहर में तापमान अचानक नीचे गिर गया है, शीतलहर के कारण सुबह-शाम की दिनचर्या पूरी तरह बिगड़ गई है। स्कूलों के समय बदलने पड़े, बाजार वक्त से पहले सूने होने लगे और लोग शाम ढलते ही अलाव के सहारे गर्माहट ढूंढने लगे। ऐसे में सबसे ज्यादा मुश्किल उन पुलिसकर्मियों की हो रही थी, जो रातभर शहर में गश्त और चेकिंग पॉइंट्स पर खड़े रहते हैं।
यही हालात देखते हुए उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने एक ऐसी पहल शुरू की है, जिसकी चर्चा पूरे विभाग में हो रही है। शुक्रवार रात से शहर में एक नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। अब रात्रि ड्यूटी में लगे सभी पुलिसकर्मी किसी भी समय पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचकर गर्म चाय और बिस्किट ले सकेंगे।
चाय के साथ जिम्मेदारी की गर्माहट
रात के समय कई बार ऐसा होता है कि जवान घंटों तक पॉइंट पर खड़े रहते हैं। न आसपास कोई दुकान होती है, न ही गर्म पानी की व्यवस्था। इसी दिक्कत को खत्म करने के लिए कंट्रोल रूम में चाय-नाश्ते की स्थाई सुविधा शुरू कर दी गई है। जवानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बिना झिझक अपनी ड्यूटी के बीच थोड़ा समय निकालकर कंट्रोल रूम आकर गर्म चाय लेकर जा सकते हैं, ताकि शरीर में गर्माहट बनी रहे और ठंड उनकी सेहत पर असर न डाल सके।
थर्मल पेंट्री वैन भी सड़क पर उतरी
कंट्रोल रूम की सुविधा के साथ एक और बड़ा कदम उठाया गया है… थर्मल पेंट्री वैन। यह वैन रातभर शहर के अलग-अलग चेकिंग पॉइंट्स पर घूमकर पुलिसकर्मियों तक चाय पहुंचाएगी। मतलब अब जवानों को चाय लेने कंट्रोल रूम तक आने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। वैन खुद उनके पास पहुंचेगी।
गश्त में भी मिलेगा फायदा
एसपी प्रदीप शर्मा के मुताबिक, यह पहल सिर्फ चाय पिलाने भर की नहीं है, बल्कि इससे दो बड़े फायदे होंगे। पहला पुलिसकर्मियों को ठंड से तत्काल राहत मिलेगी और उनकी सेहत सुरक्षित रहेगी। दूसरा इस व्यवस्था से पुलिस मूवमेंट भी लगातार बना रहेगा, जिससे क्रॉस पेट्रोलिंग और मॉनिटरिंग आसान होगी। विभाग का कहना है कि पूरी सर्दी इस व्यवस्था को जारी रखा जाएगा, ताकि कोई भी जवान ठंड की वजह से बीमार न पड़े और शहर की सुरक्षा व्यवस्था बेअसर न हो।
कड़ाके की ठंड के बीच यह कदम न केवल पुलिसकर्मियों को राहत देगा, बल्कि उनकी ड्यूटी को थोड़ा आसान भी बना देगा। कई जवानों ने इसे बेहद उपयोगी और मानवीय निर्णय बताया है, जिसकी उन्हें लंबे समय से जरूरत थी।
