उज्जैन में निर्माण कार्य के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। विक्रम नगर इंडस्ट्रियल पार्क में खुदाई करते समय एक कोबरा सांप जेसीबी की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया। तेज चोट लगने के कारण सांप का खून लगातार बह रहा था। मौके पर मौजूद लोगों ने उसे मिट्टी डालकर शांत करने की कोशिश की, लेकिन उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी।
घटना की जानकारी तुरंत सर्प मित्र राहुल और मुकुल को दी गई। दोनों मौके पर पहुंचे और घायल कोबरा को सावधानी से रेस्क्यू किया। उन्होंने बिना देरी किए उसे उदयन मार्ग स्थित पशु चिकित्सालय ले जाया, जहां डॉक्टरों की टीम पहले से तैयार हो गई। जांच में पता चला कि सांप के सिर के पीछे गहरी चोट लगी थी और शरीर का काफी हिस्सा जख्मी हो चुका था।
टीम ने की मुश्किल सर्जरी
चीफ वेटनरी डॉक्टर मुकेश जैन ने बताया कि कोबरा की स्किन काफी हद तक निकल चुकी थी और उसे तुरंत सर्जरी की जरूरत थी। इसके बाद फील्ड ऑफिसर रामकन्या गौरव, रवि राठौर और प्रशांत परिहार को टीम में शामिल किया गया। सांप को हल्का एनेस्थीसिया देने के बाद उसका शरीर साफ किया गया और जख्मों का उपचार शुरू हुआ। सर्जरी के लिए विशेष दवाइयाँ बाहर से मंगवाई गईं, क्योंकि घाव काफी गहरा था।
80 टांकों से फिर मिली जिंदगी
करीब दो घंटे तक चली इस जटिल सर्जरी में डॉक्टरों ने घायल कोबरा को 80 टांके लगाए। यह काम बेहद सावधानी से किया गया क्योंकि सांप का शरीर बेहद संवेदनशील होता है। टीम ने बताया कि यदि कुछ देर और मदद न मिलती तो कोबरा की जान बचाना मुश्किल हो जाता।
निगरानी में कोबरा
सर्जरी सफल होने के बाद सांप को सर्प मित्रों के पास निगरानी में रखा गया है। डॉक्टरों ने बताया कि अगले दो दिन तक उसकी विशेष देखभाल की जाएगी। दवाइयाँ और नियमित उपचार देने के बाद जब वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगा, तब उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया जाएगा। इस प्रयास ने एक बार फिर साबित किया कि इंसान और वन्यजीवों के बीच संवेदनशीलता और जागरूकता कितनी जरूरी है।
