भौम प्रदोष व्रत आज, भगवन शिव और हनुमान जी की विशेष कृपा पाने का अद्भुत अवसर; जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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Published On: 2 December 2025

आज भौम प्रदोष का विशेष अवसर है। यह दिन भगवान शिव और संकटमोचक हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए व्रत और पूजा से जीवन की कठिनाइयां कम होती हैं, पापों से मुक्ति मिलती है और भाग्य के द्वार खुलते हैं। हर महीने त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है, लेकिन जब यह तिथि मंगलवार को आती है, तो इसे भौम प्रदोष कहा जाता है और इसका प्रभाव सामान्य प्रदोष व्रत से कई गुना अधिक माना जाता है।

आज भौम प्रदोष का व्रत और पूजन का अवसर है, जिसे भक्तों के जीवन में सौभाग्य, शांति और समृद्धि लाने वाला माना जाता है। संध्या काल में भगवान शिव और हनुमान की उपासना करने से कर्ज, शत्रु, भय और दुखों का अंत होता है और हर कार्य में सफलता मिलने के योग बनते हैं।

भौम प्रदोष व्रत

आज भौम प्रदोष का व्रत अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और संकटमोचक हनुमान जी की विशेष पूजा करने से जीवन में शांति, समृद्धि और सौभाग्य बढ़ता है। संध्या समय में किए गए व्रत और पूजन से कर्ज, शत्रुता, भय और दुखों का नाश होता है और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। भक्त इस दिन उपवास रखते हुए शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और अन्य विधिपूर्वक वस्तुएं अर्पित करते हैं, जिससे पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

महत्व

आज भौम प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। मंगलवार की त्रयोदशी को आने वाले इस दिन भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। मान्यता है कि शिवजी पिछले कर्मों के दोषों को समाप्त करते हैं और हनुमान जी भक्तों को शत्रु, भय और कर्ज से मुक्ति दिलाते हैं। इस व्रत के पालन से आत्मबल बढ़ता है और मन को शांति प्राप्त होती है।

शुभ मुहूर्त

आज शाम को भगवान शिव का विशेष पूजन दो मुहूर्तों में किया जाएगा। पहला मुहूर्त गोधूलि का है, जिसकी शुरुआत शाम 5 बजकर 57 मिनट से होगी और यह शाम 6 बजकर 23 मिनट तक चलेगा। दूसरा मुहूर्त सायाह्न संध्या का है, जो शाम 6 बजे से लेकर शाम 7 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इस दौरान भक्त विधिपूर्वक भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर सकेंगे।

पूजा विधि

  • भौम प्रदोष व्रत पर भगवान शिव और हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है।
  • इस दिन व्रती सुबह से ही उपवास रखते हैं और संध्या काल में स्नान और स्वच्छ वस्त्र धारण कर मंदिर में पूजा करने जाते हैं।
  • पूजा में भगवान शिव की आराधना बेल पत्र, धूप, दीप और फल चढ़ाकर की जाती है।
  • वहीं हनुमान जी को सिंदूर, तेल और भोग अर्पित किया जाता है।
  • व्रत करने से जीवन में शांति, समृद्धि और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  • मान्यता है कि इस दिन किया गया प्रदोष व्रत कर्ज, भय और शत्रुओं से राहत दिलाता है और सभी कार्यों में सफलता लाता है।

डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. MPNews इनकी पुष्टि नहीं करता है।

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