संसद के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन भी SIR के मुद्दे पर टकराव भरा रहा। लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही सुबह 11 बजे शुरू हुई, विपक्ष के सांसद अपनी सीटों से खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। कई सांसद वेल तक पहुंच गए। हंगामे के बीच लोकसभा स्पीकर ने प्रश्नकाल को जारी रखने की कोशिश की, लेकिन शोरगुल के कारण सामान्य कार्यवाही बाधित रही।
इससे पहले सुबह 10:30 बजे विपक्षी सांसद संसद परिसर के मकर द्वार के सामने इकट्ठा हुए और SIR पर तुरंत चर्चा की मांग दोहराई। यह प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन किया गया। विपक्ष का कहना है कि सरकार को SIR और इससे जुड़े चुनावी सुधारों पर बिना देरी के विस्तृत बहस करानी चाहिए।
पहले दिन भी हंगामा
संसद के पहले दिन भी विपक्ष ने SIR और वोट चोरी के आरोपों को लेकर दोनों सदनों में जोरदार हंगामा किया था। राज्यसभा में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि सरकार चुनावी सुधारों पर चर्चा के लिए तैयार है और इस विषय पर विपक्ष समय सीमा न थोपे। सरकार के इस बयान के बाद भी विपक्ष ने अपने रुख में नरमी नहीं दिखाई। सूत्रों के अनुसार, विपक्ष ने बैक-चैनल बातचीत में संकेत दिया है कि यदि सरकार चाहे तो चर्चा के लिए SIR शब्द की बजाय ‘इलेक्टोरल रिफॉर्म’ या किसी अन्य वैकल्पिक नाम का इस्तेमाल कर सकती है। बताया जा रहा है कि सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर सकती है और बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में इस पर अपना रुख रखेगी।
लोकसभा में 3 बिल पेश
संसद के पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन विधेयक पेश किए थे। इनमें से मणिपुर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025 को लोकसभा ने पास कर दिया। हालांकि सेंट्रल एक्साइज (संशोधन) बिल और हेल्थ सिक्योरिटी नेशनल सिक्योरिटी सेस से जुड़े विधेयक आगे नहीं बढ़ पाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार सदन में वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर लगभग 10 घंटे की विस्तृत चर्चा करवा सकती है। प्रस्तावित बहस गुरुवार या शुक्रवार को हो सकती है और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा ले सकते हैं। 30 सितंबर को राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में सत्तापक्ष के कई सदस्यों ने यह सुझाव रखा था। हालांकि अभी तक इसका आधिकारिक एलान नहीं किया गया है।
