सनातन शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है और इसे भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। साल 2025 के आखिरी महीने दिसंबर की शुरुआत हो चुकी है और इसी महीने साल की आखिरी पूर्णिमा मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन साधना करने से साधक के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और भगवान श्रीहरि की कृपा से बिगड़े हुए कार्य पूरे होते हैं।
पूर्णिमा के दिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना और दान-पुण्य करना भी अत्यंत फलदायी होता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इन कार्यों को करने से साधक को विशेष शुभ फल और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन विशेष धार्मिक महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से साधक को पुण्य की प्राप्ति होती है और घर में समृद्धि व खुशहाली आती है। इस अवसर पर भक्तजन व्रत रखकर और भगवान की कथा सुनकर अपनी आध्यात्मिक साधना को और मजबूत करते हैं।
शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार साल की आखिरी पूर्णिमा 04 दिसंबर 2025 को मनाई जाएगी। मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि 04 दिसंबर को सुबह 08 बजकर 37 मिनट से शुरू होकर 05 दिसंबर को सुबह 04 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 19 मिनट से लेकर 04 बजकर 58 मिनट तक है, जिसमें पूजा-अर्चना करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
दान का विशेष महत्व
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन दान करना सनातन धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धा अनुसार वस्त्र, अनाज या धन का दान करने से जीवन में समृद्धि आती है और किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहती। माना जाता है कि ऐसा दान करने से व्यक्ति के धन और अन्न के भंडार हमेशा भरे रहते हैं।
इन चीजों का करें दान
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन गुड़ का दान करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और धन लाभ के योग बनते हैं।
- धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन मंदिर या जरूरतमंदों में गुड़ का दान करने से परिवार और रिश्तों में भी मधुरता आती है।
- यह पुण्य कार्य साधकों के जीवन में समृद्धि और सुख-शांति लाता है।
- इस दिन लक्ष्मी देवी और विष्णु दोनों की पूजा की जाती है।
- जिससे धन‑धान्य, समृद्धि और घर में सुख‑शांति प्राप्त होने की कामना की जाती है।
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. MPNews इनकी पुष्टि नहीं करता है।
