MP में ठंड ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण शनिवार और रविवार की रातें पूरे प्रदेश में सिहरन बढ़ाने वाली रहीं। भोपाल में न्यूनतम तापमान 7 डिग्री दर्ज हुआ, जबकि इंदौर और ग्वालियर 8.4 डिग्री तक ठंडे रहे। मौसम विभाग ने दो दिन के लिए शीतलहर का अलर्ट जारी किया है, जिससे आने वाले समय में और ठंड बढ़ने की संभावना है।
प्रदेश के इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी ने एक बार फिर सबसे ठंडे स्थान का तमगा हासिल किया। शनिवार रात यहां पारा 5.4 डिग्री पर पहुंच गया। इसी तरह उमरिया 6.1 डिग्री, राजगढ़ 6.6 डिग्री और रीवा 6.8 डिग्री पर दर्ज हुए। कई जिलों में तापमान 8 से 9 डिग्री के बीच रहा। रात का पारा तेजी से गिरने से ग्रामीण इलाकों में भी शीतलहर का असर साफ दिखा।
दो दिन का अलर्ट
मौसम विभाग ने बताया कि रविवार को भोपाल, सीहोर और राजगढ़ में शीतलहर चलेगी। सोमवार को इसका दायरा और बढ़कर शहडोल, सिवनी तथा शाजापुर तक जाएगा। हल्की हवा और साफ आसमान के कारण तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। कई शहरों में दिन के तापमान में भी 3 से 4 डिग्री की गिरावट हुई है, जिससे कोल्ड डे के हालात बन गए।मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के चलते हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी हुई है। वहीं से आने वाली बर्फीली हवाएं मध्य प्रदेश के तापमान को लगातार नीचे धकेल रही हैं। बीते 24 घंटों में भोपाल, शाजापुर, राजगढ़ और सीहोर में शीतलहर के हालात बने रहे। इंदौर, बैतूल और नरसिंहपुर में ठंडा दिन रिकॉर्ड किया गया।
दिन-रात दोनों में गिरावट
ग्वालियर, चंबल, उज्जैन और सागर संभाग में ठंड का असर सबसे ज्यादा देखा गया। उत्तर से सीधे पहुंच रही हवाओं के कारण यहां तापमान में बड़ी गिरावट आई है। दिन और रात दोनों ठंडे होने से लोगों की दिनचर्या पर असर पड़ा है। बाजारों में रौनक कम दिखी और सुबह-शाम कोहरे की हल्की परत भी दिखाई दी। इस सीजन में पहली बार न्यूनतम तापमान 5 डिग्री से नीचे गया। शहडोल के कल्याणपुर में पारा 4 डिग्री दर्ज किया गया। इसी तरह रीवा, उमरिया, नौगांव और खजुराहो सहित 26 शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे रहा। शनिवार को दिन में भी ठंड बढ़ी और कई जगह अधिकतम तापमान 25 डिग्री से कम रहा।
टूटा नवंबर का रिकॉर्ड
भोपाल में नवंबर माह की ठंड ने 84 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, जबकि इंदौर में 25 साल बाद सबसे कम तापमान दर्ज हुआ। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि दिसंबर में भी यह सर्दी इसी तरह कड़ी रहने वाली है। हवाओं का रुख यदि यही रहा, तो प्रदेश में पारा और नीचे जा सकता है।
