पैंट पहनने से लेकर रूटीन के काम खुद नहीं कर पाते अमिताभ बच्चन, बोले-उम्र ने कर दिया लाचार

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Published On: 19 August 2025

मनोरंजन | बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन अपने फैंस के बीच हमेशा चर्चा में बने रहते हैं। उनकी कोई फिल्म हो या फिर टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति दर्शकों को बेसब्री से इनका इंतजार रहता है। महानायक सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है और समय-समय पर फैंस के साथ बातचीत करते रहते हैं।

अमिताभ बच्चन को अपने इंस्टाग्राम से लेकर ट्विटर पर कोई ना कोई बात करते हुए देखा जाता है। कभी वह अपनी निजी जिंदगी की बातें करते हैं तो कभी कविताएं शेयर करते हैं। उन्होंने अपने ऊपर हो रहे उम्र के असर के बारे में बात की है।

82 साल के हुए बिग बी 

अमिताभ बच्चन की उम्र 82 साल की हो चुकी है और वो अभी भी इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। टेलीविजन से लेकर बड़े पर्दे तक हर जगह उनकी धूम देखने को मिलती है। इन दिनों वह कौन बनेगा करोड़पति 17 होस्ट कर रहे हैं। इस बीच अपने ब्लॉग में उन्हें बढ़ती उम्र और लाचारी पर बात करते हुए देखा गया।

अमिताभ ने बताया बढ़ती उम्र का असर

अपने ब्लॉग में बिग बी ने बताया कि 80 की उम्र पार कर जाने के बाद अब वह अपने निजी काम ठीक ढंग से नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब उन्हें पेंट पहनने में भी दिक्कत होने लगी है। वह लड़का आने लगते हैं इसके डॉक्टर में उन्हें बैठकर पतलून पहनने की सलाह दी है।

एक्टर ने लिखा अब दिन के लिए तय किए गए काम करने में परेशानी हो रही है। हल्का योग प्राणायाम ठीक है। जिम में चहल कदमी करने वाली एक्सरसाइज करें ताकि टहल सके और बात कर सके। शरीर धीरे-धीरे संतुलन होने लगता है और इसे जांचने और संतुलन बनाए रखने का यही तरीका है।

नहीं हो पाते रूटीन के काम

महानायक ने बताया की दिनचर्या से जुड़ी कुछ चीज जो बहुत पहले से चली आ रही है या कुछ दिन पहले शुरू की गई थी वह पहले बहुत आसान था। ऐसा लगता था कि इन्हें शुरू करना बहुत आसान है लेकिन एक दिन की चूक और बहुत सारा दर्द। उन्होंने बताया कि पहले की सामान्य क्रिया को अभ्यास में लाने के लिए अब दिमाग से सोचना पड़ता है।

नहीं पहन पाते पैंट 

अमिताभ बच्चन ने यह भी बताया कि डॉक्टर कहते हैं मिस्टर बच्चन पैंट बैठकर पहनिए। इस तरह से आप संतुलन खो सकते हैं और गिर सकते हैं। मैं अंदर से आप विश्वास के साथ मुस्कुराता हूं लेकिन अब लगता है कि वह सही बोल रहे थे। साधारण सा काम जो पहले स्वाभाविक रूप से हो जाता था वह चुनिंदा बन गया है। हैंडल बार की जरूरत पड़ती है। उन्होंने यह भी बताया कि एक साधारण सा कागज का टुकड़ा उड़कर नीचे गिर गया है तो उसे उठाने से पहले भी शरीर को संतुलित करने के लिए सोचना पड़ता है।

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