जब रजनीकांत का इश्क अधूरा रह गया, 13 में मां; 26 में प्रेमिका बनीं श्रीदेवी

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Published On: 12 October 2025

फिल्म इंडस्ट्री में कुछ रिश्ते शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाते हैं, और कुछ इश्क ऐसे होते हैं जो ज़िंदगीभर दिल में एक एहसास बनकर रह जाते हैं। ऐसा ही रिश्ता सुपरस्टार रजनीकांत और दिवंगत अदाकारा श्रीदेवी के बीच भी था। दोनों की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं लगती, जहां एक छोटी सी गलतफहमी ने एक खूबसूरत रिश्ता बनने से पहले ही उसे अधूरा छोड़ दिया।

निभाया था मां का किरदार

श्रीदेवी बचपन से ही कैमरे की आदी थीं। 4 साल की उम्र में उन्होंने फिल्मों में कदम रखा और तमिल सिनेमा की पहचान बन गईं। 13 साल की उम्र में उन्होंने फिल्म ‘मूंदरू मुदिचु में रजनीकांत की सौतेली मां का किरदार निभाया था। उस समय वे साउथ इंडस्ट्री में इतनी बड़ी स्टार थीं कि बड़े-बड़े हीरो भी उनके साथ काम करने को गर्व मानते थे।

रजनीकांत की ऑन-स्क्रीन प्रेमिका

समय बीता और दोनों की जोड़ी फिर से स्क्रीन पर लौटी। 1989 की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘चालबाज’ में श्रीदेवी रजनीकांत की प्रेमिका बनीं। इस वक्त तक श्रीदेवी सिर्फ साउथ नहीं, बल्कि हिंदी सिनेमा की भी सबसे बड़ी हीरोइन बन चुकी थीं। रजनीकांत भी उन्हें दिल से चाहते थे और कई बार उन्होंने करीबियों के सामने इस बात का ज़िक्र किया था कि वे श्रीदेवी को अपना जीवनसाथी बनाना चाहते हैं।

एक अंधेरे ने बदल दी किस्मत

फिल्ममेकर के. बालाचंदर के अनुसार, एक बार रजनीकांत श्रीदेवी के घर एक पार्टी में उन्हें प्रपोज़ करने का मन बनाकर गए। लेकिन जैसे ही वो अपने दिल की बात कहने वाले थे, अचानक लाइट चली गई। रजनीकांत को यह बात बुरा संकेत लगी। वो चुपचाप वहां से चले गए और फिर कभी अपनी भावना ज़ाहिर नहीं की। इस एक वहम ने एक खूबसूरत प्रेम कहानी को शुरू होने से पहले ही खत्म कर दिया।

रिश्ता नहीं बन पाया

भले ही दोनों की शादी नहीं हुई, लेकिन रजनीकांत और श्रीदेवी के बीच गहरी दोस्ती हमेशा कायम रही। जब फिल्म ‘राणा’ की शूटिंग के दौरान रजनीकांत गंभीर रूप से बीमार पड़े थे, तब श्रीदेवी ने उनके लिए सात दिन तक व्रत रखा था। 2018 में जब श्रीदेवी का निधन हुआ, तो रजनीकांत को गहरा सदमा पहुंचा। उन्होंने अपनी शादी की सालगिरह तक नहीं मनाई।

फिल्म हिट कराने वाली हीरोइन

श्रीदेवी सिर्फ एक ग्लैमरस चेहरा नहीं थीं, बल्कि उन्होंने अपने अभिनय से लाखों दिलों में जगह बनाई। ‘सदमा’, ‘चांदनी’ और ‘चालबाज’ जैसी फिल्मों में उन्होंने जटिल और भावनात्मक किरदारों को जीवंत कर दिखाया। बॉलीवुड में कदम रखने से पहले ही वो तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में बड़ा नाम थीं।

बचपन में मां का रोल निभाने वाली वही लड़की 26 की उम्र में करोड़ों लोगों के दिल की धड़कन बन गई थी। रजनीकांत और श्रीदेवी की प्रेम कहानी अधूरी जरूर रही, लेकिन सिनेमा के इतिहास में यह किस्सा हमेशा याद रखा जाएगा एक सच्ची लेकिन अनकही मोहब्बत की तरह।

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