देश | अगस्त 2025 भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद शानदार रहा। इस दौरान देश का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया। एचएसबीसी इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में पर्चेजिंग मैनेजर्स’ इंडेक्स (PMI) बढ़कर 59.3 पर पहुंच गया, जो जुलाई के 59.1 से भी ज्यादा है और पिछले 17.5 सालों का सबसे ऊंचा स्तर है। यह आंकड़ा साफ संकेत देता है कि देश में उत्पादन और नई मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में तेजी आई है। इसका मतलब है कि उद्योगों में न सिर्फ उत्पादन बढ़ा है, बल्कि घरेलू और वैश्विक स्तर पर डिमांड भी मजबूती से बढ़ रही है।
अगस्त 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में शानदार प्रदर्शन किया, एचएसबीसी इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, पर्चेजिंग मैनेजर्स’ इंडेक्स (PMI) अगस्त में 59.3 तक बढ़ गया, जो पिछले महीनों के मुकाबले तेज़ी का संकेत देता है।
प्रोडक्शन 5 साल के उच्च स्तर पर
भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में हालिया उछाल का मुख्य कारण प्रोडक्शन का तेज़ी से बढ़ना माना जा रहा है। एचएसबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में उत्पादन लगभग पाँच सालों में सबसे तेज़ गति से बढ़ा है। सर्वे में शामिल कंपनियों ने बताया कि यह सुधार सप्लाई और डिमांड के बीच बेहतर तालमेल की वजह से संभव हुआ है, यानी जितनी मांग है, उतनी ही आपूर्ति भी हो रही है। घरेलू डिमांड में बढ़ोतरी से फैक्ट्रियों को ज्यादा ऑर्डर मिले हैं और प्रोडक्शन भी बढ़ा है। नए ऑर्डर्स जुलाई के समान ही तेज़ी से बढ़े, जो पिछले 57 महीनों का सबसे ऊँचा स्तर है। इसका सीधा संकेत है कि लोग देश में बनी वस्तुओं को खूब पसंद कर रहे हैं और उनकी खपत बढ़ रही है।
अगस्त में बिक्री में उछाल
अगस्त 2025 में भारतीय बाजार में बिक्री में मजबूती देखने को मिली है। अच्छे मार्केटिंग तरीके और मजबूत मांग के चलते बिक्री बढ़ी है। सबसे अधिक वृद्धि इंटरमीडिएट गुड्स में हुई, जिनका इस्तेमाल अन्य उत्पाद बनाने में होता है। इसके बाद कैपिटल गुड्स, जैसे मशीनें और उपकरण, और फिर कंज्यूमर गुड्स, जैसे कपड़े और भोजन, में बढ़ोतरी दर्ज की गई।
विदेशी मांग में हुई बढ़त
भारत में बनी चीजों की विदेशी मांग भी बढ़ी है, हालांकि पिछले महीनों की तुलना में यह वृद्धि थोड़ी धीमी रही। एचएसबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, एशिया, यूरोप, मिडिल ईस्ट और अमेरिका से नए ऑर्डर्स आ रहे हैं, जिससे पता चलता है कि भारत में बनी चीजें वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हो रही हैं। साथ ही, कच्चे माल और तैयार माल का स्टॉक बढ़ा है, जो कंपनियों द्वारा अधिक उत्पादन और स्टोरिंग का संकेत देता है।
