केंद्र सरकार द्वारा GST दरों में बड़े बदलाव के बाद आम जनता को इसका सीधा लाभ मिलने लगा है। देश की प्रमुख एफएमसीजी कंपनियों जैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), प्रॉक्टर एंड गैंबल (P&G), आईटीसी और इमामी ने कई घरेलू उत्पादों की कीमतों में कटौती की घोषणा की है, जो 22 सितंबर से प्रभावी होगी।
केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी दरों में हाल ही में किए गए बड़े बदलावों के बाद आम जनता को इसका सीधा फायदा मिलने लगा है। इसके असर से देश की बड़ी FMCG कंपनियों जैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), प्रॉक्टर एंड गैंबल (P&G), आईटीसी और इमामी ने अपने कई घरेलू उत्पादों की कीमतों में कटौती की घोषणा कर दी है, जो अब 22 सितंबर से लागू होगी।
उपभोक्ताओं को राहत
केंद्रीय सरकार द्वारा जीएसटी दरों में कटौती के बाद प्रमुख FMCG कंपनियों ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए अपने उत्पादों की कीमतों में कमी की है। प्रॉक्टर एंड गैंबल (P&G) ने विक्स, हेड एंड शोल्डर्स, पैंटीन, पैम्पर्स डायपर, जिलेट, ओरल-बी और ओल्ड स्पाइस जैसे लोकप्रिय ब्रांड्स की कीमतें कम की हैं। उदाहरण के लिए, हेड एंड शोल्डर्स का 300ml शैम्पू ₹360 से घटकर ₹320 और विक्स इनहेलर ₹69 से ₹64 में उपलब्ध होगा।
घटाई कीमतें
देश की बड़ी FMCG कंपनियों ने जीएसटी दर में कमी का फायदा सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए अपने उत्पादों की कीमतें घटा दी हैं। हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) ने डव शैम्पू, हॉर्लिक्स, किसान जैम, ब्रू कॉफी और लक्स-लाइफबॉय साबुन जैसे उत्पादों के दाम कम किए हैं, जिसमें हॉर्लिक्स चॉकलेट (200 ग्राम) ₹130 से ₹110 और लक्स साबुन का 4-पैक ₹96 से ₹85 में उपलब्ध होगा।
इमामी ने बोरोप्लस एंटीसेप्टिक क्रीम, नवरत्न तेल, झंडू बाम और केश किंग जैसे लोकप्रिय उत्पादों के दाम घटाए हैं, उदाहरण के लिए केश किंग गोल्ड आयुर्वेदिक तेल (100ml) अब ₹178 में मिलेगा। वहीं, आईटीसी ने भी अपने सभी उत्पादों पर जीएसटी के फायदे का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने की घोषणा की है, जिससे उपभोग और व्यापार दोनों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
हुआ बदलाव
केंद्र सरकार ने जीएसटी में बड़े बदलाव किए हैं, जिसमें टैक्स स्लैब की संख्या 4 से घटाकर 2 कर दी गई है। अब अधिकांश सामानों पर 5% और 18% की दर से टैक्स लगेगा, जबकि कुछ लक्जरी उत्पादों पर 40% की विशेष दर लागू होगी। सिगरेट और तंबाकू को छोड़कर ये नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे त्योहारों के सीजन में उपभोक्ताओं की खपत बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा।
