नेपाल के कई हिस्सों में छात्रों के नेतृत्व में सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए, जिसमें प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग की गई। काठमांडू के कलंकी और बानेश्वर तथा ललितपुर जिले के चापागांव-थेचो इलाकों से प्रदर्शन की खबरें आईं। प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक रूप से एकत्र होने पर लगे प्रतिबंधों की अवहेलना करते हुए ‘‘छात्रों को मत मारो”, ‘‘केपी चोर, देश छोड़” और ‘‘भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करो” जैसे नारे लगाए। कलंकी में प्रदर्शनकारियों ने सुबह से ही सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए टायर जलाए, और इनमें ज्यादातर छात्र शामिल थे।
नेपाल के विभिन्न हिस्सों में मंगलवार को छात्रों के नेतृत्व में सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों में शामिल छात्रों ने सार्वजनिक रूप से एकत्र होने पर लगे प्रतिबंधों की अवहेलना की और प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग की।
विरोधी प्रदर्शन
नेपाल में छात्रों के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने ललितपुर जिले के सुनाकोठी में संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के आवास पर पथराव किया, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के खुमलतार स्थित आवास में तोड़फोड़ की। इसके अलावा, उन्होंने काठमांडू के बुद्धनीलकंठ में पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के घर के सामने भी प्रदर्शन किया। सुरक्षा कारणों से काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है, और काठमांडू जिला प्रशासन ने सुबह 8:30 बजे से अगली सूचना तक कर्फ्यू लागू करने की घोषणा की है।
सुरक्षा हालात तनावपूर्ण
नेपाल में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शन के बाद सुरक्षा हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। भक्तपुर जिले में मध्यपुर थिमी, सूर्यबिनायक, चंगुनारायण और भक्तपुर नगर पालिकाओं में सुबह साढ़े आठ बजे से अगले आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया गया, जबकि ललितपुर के भैसपति, सनेपा और च्यासल क्षेत्रों में सुबह नौ बजे से मध्यरात्रि तक कर्फ्यू लागू किया गया।
गृह मंत्री ने दिया इस्तीफा
सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के विरोध में युवाओं के प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने बल प्रयोग किया, जिससे कम से कम 19 लोगों की मौत और 300 से अधिक घायल हुए। स्थिति बिगड़ने पर राजधानी में नेपाली सेना तैनात की गई, जिन्होंने न्यू बानेश्वर स्थित संसद परिसर के आसपास सड़कों पर नियंत्रण किया। इसके बाद गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया।