ऑस्ट्रेलिया ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया किया बंद, ट्रायल में मिली सफलता

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Published On: 16 September 2025

विश्व : ऑस्ट्रेलिया ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर बैन लगाने का फैसला किया है। सरकार ने इस कानून को 10 दिसंबर से लागू करने के लिए टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए नई गाइडलाइन भी जारी की हैं, ताकि इसका सही तरीके से पालन सुनिश्चित किया जा सके।

ऑस्ट्रेलिया ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर बैन लागू कर दिया है। सरकार ने मंगलवार को टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए नई गाइडलाइन भी जारी की हैं, ताकि यह कानून 10 दिसंबर से सही तरीके से लागू हो सके।

ऑस्ट्रेलिया में बच्चों के लिए सोशल मीडिया हुए बंद

ऑस्ट्रेलिया में नया कानून लागू होगा जिसमें 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट्स बंद करने की जिम्मेदारी कंपनियों की होगी। इसके तहत कंपनियों को मौजूदा बच्चों के अकाउंट खोजकर उन्हें बंद करना होगा और उन्हें तुरंत नया अकाउंट बनाने से रोकने के उपाय भी करने होंगे। हालांकि, हर यूज़र की उम्र की जाँच करना अनिवार्य नहीं होगा और सरकार किसी विशेष तकनीक का इस्तेमाल नहीं कहेगी। कंपनियों को यह भी बताना होगा कि वे बैन लागू करने के लिए कौन-से कदम उठा रही हैं और किसी विवाद की स्थिति में समाधान की प्रक्रिया उपलब्ध करानी होगी।

16 साल के बच्चों के अकाउंट्स होंगे बंद

ऑस्ट्रेलिया ने सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नया कानून लागू किया है, जिसके तहत अगर कोई कंपनी बच्चों के 16 साल से कम उम्र के अकाउंट्स को बंद करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए “उचित कदम” नहीं उठाती है, तो उसे 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियन डॉलर (लगभग 33 मिलियन अमेरिकी डॉलर) तक का जुर्माना भरना पड़ेगा। सरकार के संचार मंत्री एनीका वेल्स ने कहा कि दुनिया का यह पहला कानून है और बदलाव धीरे-धीरे, वाजिब कदमों के जरिए लाया जाएगा ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

बच्चों की ऑनलाइन ट्रायल सुरक्षा में मिली सफलता

ऑस्ट्रेलिया में सोशल मीडिया पर बच्चों की सुरक्षा को लेकर नई पहल में ट्रायल सफलता मिली है। ई-सेफ्टी कमिश्नर जूली इनमैन ग्रांट ने बताया कि कंपनियों को नई तकनीक और सिस्टम तैयार करने में समय लगेगा, लेकिन शुरुआती ध्यान उन प्लेटफॉर्म्स पर होगा जो नियम लागू करने में असफल होंगे। अगस्त 2025 में किए गए ट्रायल में एज-अश्योरेंस तकनीक ने बच्चों की उम्र की सही पहचान करने और नियम लागू करने में प्रभावशीलता दिखाई।

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