ब्राजील ने आकाश मिसाइल डील पर लगाई ब्रेक, भारत को लगा झटका, 1 अरब डॉलर का हुआ नुकसान

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Published On: 13 July 2025

विश्व | भारत की ‘आकाश’ मिसाइल प्रणाली एक स्वदेशी रूप से विकसित सतह से हवा में मार करने वाली (Surface-to-Air Missile – SAM) प्रणाली है, जिसे DRDO द्वारा विकसित किया गया है। यह प्रणाली कम दूरी की वायु रक्षा के लिए तैयार की गई है और इसका उपयोग भारतीय वायुसेना और थलसेना दोनों करती हैं। ब्राजील और भारत के बीच ‘आकाश’ मिसाइल के निर्यात को लेकर बातचीत चल रही थी। लेकिन अब ब्राजील ने बातचीत को स्थगित कर दिया है। ब्राजीलियाई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्राजील ने मिसाइल के कुछ महत्वपूर्ण ऑपरेशनल पैरामीटर्स में प्रदर्शन को असंतोषजनक पाया है।

ब्राजील ने भारत की ‘आकाश’ मिसाइल प्रणाली खरीदने की बातचीत रोक दी है, जिसके पीछे प्रदर्शन में कमी का हवाला दिया गया है. यह भारत के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के लिए एक झटका है।

भारत की ‘आत्मनिर्भर’ रक्षा नीति को लगा झटका

ब्राजील द्वारा भारत की स्वदेशी ‘आकाश’ मिसाइल प्रणाली की खरीद पर रोक लगाने का फैसला ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के लिए एक अहम चुनौती बनकर सामने आया है। भारत ने ‘आकाश’ को अपने सबसे सफल घरेलू रक्षा सिस्टम्स में गिना है और इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सक्रिय रूप से प्रमोट भी किया जा रहा था। हालांकि, ब्राजील की नाराजगी और उसकी यूरोपीय रक्षा कंपनी MBDA की ओर झुकाव यह दर्शाता है कि विदेशी सेनाएं अभी भी नाटो मानकों वाली तकनीक को अधिक भरोसेमंद मानती हैं। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि भारत के रक्षा उपकरणों को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में टिकने के लिए तकनीकी विश्वसनीयता, परीक्षण मानक और परिचालन प्रदर्शन के स्तर पर और सशक्त होने की आवश्यकता है।

ब्राजील की MBDA की ओर बढ़ती साझेदारी

ब्राजील ने अब यूरोप की अग्रणी रक्षा कंपनी MBDA की ओर रुख किया है। कंपनी की Enhanced Modular Air Defence Solutions (EMADS) प्रणाली नाटो देशों में पहले से सफलतापूर्वक तैनात है और इसे अत्यंत विश्वसनीय माना जाता है। ब्राजील और MBDA के बीच लगभग 1 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 4.7 अरब रिंगगिट) की संभावित डील पर बातचीत चल रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह सौदा लैटिन अमेरिका में हाल की सबसे बड़ी वायु रक्षा डील हो सकती है।

क्या है आकाश मिसाइल प्रणाली ?

आकाश भारत की स्वदेशी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है। इसे DRDO ने विकसित किया है। इसकी रेंज 25-30 किमी है और यह 2.5 मैक की गति से उड़ सकती है। यह प्रणाली एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक और नष्ट करने में सक्षम है। इसमें राजेंद्र रडार और 60 किलोग्राम का वारहेड होता है। इसे भारतीय वायुसेना और थलसेना उपयोग करती हैं। मोबाइल तैनाती के लिए यह उपयुक्त है।

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