गोल्ड केवल एक धातु नहीं बल्कि किसी देश की आर्थिक ताकत और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। वैश्विक बाजार में अस्थिरता के समय निवेशक और केंद्रीय बैंक अक्सर सोने की ओर रुख करते हैं। इसी बीच, चीन में हाल ही में एक ऐतिहासिक खोज हुई है, जहाँ 1440 टन सोने की खदान पाई गई है, जिसकी कीमत लगभग 192 अरब डॉलर यानी 17 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक आंकी गई है।
सोना केवल एक धातु नहीं बल्कि आर्थिक ताकत और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है, और वैश्विक बाजार में अस्थिरता के समय निवेशक व केंद्रीय बैंक सोने की ओर रुख करते हैं। इसी क्रम में चीन में हाल ही में 1440 टन सोने की एक ऐतिहासिक खदान खोजी गई है, जिसकी अनुमानित कीमत 192 अरब डॉलर है।
बड़ी सोने की खोज
चीन के लियाओनिंग प्रांत के पहाड़ी क्षेत्र में एक विशाल सोने की खदान मिली है, जिसे 21वीं सदी की सबसे बड़ी सोने की खोजों में से एक माना जा रहा है। चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय ने इस खोज की पुष्टि की है। इस खदान की खोज से न सिर्फ चीन की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि इसका असर वैश्विक सोने के बाजार और वित्तीय स्थिरता पर भी पड़ सकता है।
दादोंगगो गोल्ड हब
चीन दादोंगगो क्षेत्र को गोल्ड सप्लाई हब बनाने की योजना पर काम कर रहा है, जिसमें खनन, उच्च तापमान में सोने का प्रगलन, प्रोसेसिंग और ज्वेलरी निर्माण शामिल है। इस परियोजना में China National Gold Group, Liaoning Mineral Geology Group और Yingkou Municipal Government प्रमुख संस्थान हैं और इसमें लगभग 20 बिलियन युआन का निवेश किया जा रहा है। चीन का लक्ष्य है कि यह हब साल 2027 तक पूरी तरह से तैयार हो जाए, जिससे वह वैश्विक सोने के व्यापार में अपनी पकड़ और मजबूत कर सके।
भारत की स्थिति
भारत की स्थिति विश्व गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2025 तक भारत के पास 880.2 टन सोना था, जिससे भारत गोल्ड होल्डिंग के मामले में दुनिया में 9वें स्थान पर है। वहीं चीन के पास इसी समय 2303.5 टन सोना था, जो उसे 7वें स्थान पर रखता है।
