विश्व | भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। स्पेन के सेविले स्थित एयरबस डिफेंस एंड स्पेस असेंबली लाइन पर भारत को एयरबस सी-295 सैन्य परिवहन विमानों में से अंतिम विमान प्राप्त हो गया है। इस अवसर पर स्पेन में भारतीय राजदूत दिनेश के पटनायक और भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। खास बात यह है कि यह आपूर्ति तय समय से दो महीने पहले पूरी कर दी गई है, जिससे भारतीय वायुसेना की ताकत और बढ़ेगी।
भारत ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। भारत को एयरबस सी-295 सैन्य परिवहन विमानों में से अंतिम विमान प्राप्त हो गया है। यह विमान सेविले स्थित एयरबस डिफेंस एंड स्पेस असेंबली लाइन पर भारतीय राजदूत दिनेश के. पटनायक और भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में सौंपा गया।
Airbus C‑295 सैन्य परिवहन विमान
Airbus C‑295 एक बहुउद्देश्यीय मध्यम श्रेणी का टर्बोप्रॉप सैन्य परिवहन विमान है, जिसे Airbus Defence & Space (पूर्व में CASA) द्वारा विकसित किया गया है। यह लगभग 8 टन तक माल या 70 सैनिकों को ले जाने में सक्षम है, इसकी अधिकतम क्रूज़िंग गति लगभग 260 नॉट्स (लगभग 480 किमी/घंटा) है। दोनों Pratt & Whitney Canada PW127G इंजन इसे 11–13 घंटे तक उड़ान भरने की क्षमता प्रदान करते हैं। STOL (Short Take‑Off and Landing) प्रदर्शन इसे अनअप्रेस्ड रनवे से ऑपरेट करने योग्य बनाता है, जिससे यह कठिन भौगोलिक परिस्थितियों जैसे भारत के दूरस्थ इलाकों में उत्कृष्ट साबित होता है
मिला अंतिम C-295 विमान
भारत की रक्षा क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है क्योंकि भारतीय वायुसेना के लिए एयरबस सी-295 सैन्य परिवहन विमान का अंतिम विमान समय से पहले स्पेन ने सौंप दिया है। यह विमान 5 से 10 टन तक का भार ढोने में सक्षम है और पुराने एवरो विमानों की जगह लेगा। इसकी उड़ान क्षमता लगभग 11 घंटे की है, जिससे यह सामरिक दृष्टि से बेहद कारगर साबित हुआ है। सितंबर 2021 में भारत ने एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ 56 सी-295 विमानों के लिए समझौता किया था, जिनमें से 16 विमान स्पेन से सीधे आपूर्ति किए जाएंगे और बाकी 40 विमान भारत में निर्मित होंगे।