कनाडा के ओकविल शहर में स्थित एक सिनेमाघर में एक हफ्ते के भीतर दो बार हमले की घटनाएं सामने आई हैं। पहले सिनेमाघर में आग लगा दी गई और फिर उसके कुछ दिन बाद वहां जमकर फायरिंग हुई। ये घटनाएं ऐसे समय पर हुईं जब वहां भारतीय फिल्मों की स्क्रीनिंग चल रही थी। पहला हमला 25 सितंबर को सुबह करीब 5:20 बजे हुआ। पुलिस के अनुसार, थिएटर के गेट पर दो संदिग्ध हाथ में ज्वलनशील पदार्थ लिए दिखाई दिए। इस हमले में थिएटर के बाहर का हिस्सा ही नुकसान में आया। हालांकि, अंदर ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।
2 अक्टूबर को दूसरा हमला
बुधवार, 2 अक्टूबर को रात 1:50 बजे दूसरा हमला हुआ। इसमें एक संदिग्ध ने थिएटर के प्रवेश द्वार पर कई राउंड फायरिंग की। पुलिस ने बताया कि संदिग्ध सांवले रंग का भारी-भरकम व्यक्ति था और उसने काले रंग का कवर पहन रखा था, साथ ही मुंह नकाब से ढका हुआ था।
सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि रात लगभग 2 बजे एक ग्रे रंग की एसयूवी थिएटर के बाहर आई। हुडी पहने एक व्यक्ति प्रवेश द्वार की ओर बढ़ा और फिर भाग गया। एसयूवी पार्किंग में दो बार लौटी। अगले दिन सुबह 5:15 बजे एक सफेद रंग की एसयूवी आई और उसमें से दो लोग आए। उन्होंने लाल रंग के डिब्बे से ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आग लगाई और भाग गए।
स्क्रीनिंग पर असर
इन घटनाओं के बाद ओकविल के Film.ca ने भारतीय फिल्मों की स्क्रीनिंग रोक दी। जिन फिल्मों को रोकना पड़ा उनमें ऋषभ शेट्टी की ‘कंटारा: अ लीजेंड चैप्टर 1’ और पवन कल्याण की ‘दे कॉल हिम ओजी’ शामिल हैं।
पुलिस का मानना है कि इन घटनाओं के पीछे खालिस्तानी आतंकियों का हाथ हो सकता है। इसके पीछे एक साजिश के तहत भारतीय फिल्मों को निशाना बनाया गया माना जा रहा है।
SFJ ने बैन की मांग की
सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) ने कनाडा में सभी “Made in India” फिल्मों और प्रोडक्ट्स पर बैन लगाने की मांग की है। इसके बाद कनाडा के सिनेमाघरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन इन हमलों की जांच कर रहे हैं और संदिग्धों को पकड़ने की कोशिश जारी है। इन घटनाओं ने भारतीय फिल्मों के दर्शकों में डर और चिंता पैदा कर दी है।