विश्व | भारतीय नौसेना और सिंगापुर गणराज्य नौसेना (ISN) ने 28 जुलाई से 1 अगस्त तक वार्षिक सिंगापुर-भारत समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास (सिमबेक्स) 2023 आयोजित किया। इस बार अभ्यास का पहला चरण आरएसएस सिंगापुर-चांगी नौसैनिक अड्डे पर तटीय गतिविधियों के साथ हुआ, जबकि दूसरा चरण दक्षिण चीन सागर (SCS) के दक्षिणी छोर पर समुद्री संचालन के रूप में संपन्न हुआ। समुद्री चरण में दोनों देशों की नौसेनाओं के युद्धपोतों के साथ सिंगापुर गणराज्य वायु सेना (RSAF) के विमान भी शामिल हुए। इस दौरान आरएसएन ने अपनी ‘फोर्मिडेबल’ श्रेणी के फ्रिगेट ‘RSS सुप्रीम’ और ‘विक्ट्री’ श्रेणी के मिसाइल युद्धपोत ‘RSS विजिलेंस’ (MV मेंटर) को तैनात किया।
भारतीय नौसेना और सिंगापुर गणराज्य नौसेना (RSN) ने 28 जुलाई से एक अगस्त तक वार्षिक सिंगापुर-भारत समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास (सिमबेक्स) सफलतापूर्वक आयोजित किया। इसका उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच सामरिक सहयोग, पारस्परिक समझ और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना था।
INS सतपुड़ा ने दिखाया दम
भारतीय नौसेना ने शिवालिक श्रेणी के फ्रिगेट आईएनएस सतपुड़ा के साथ सिंगापुर गणराज्य नौसेना (RSN) के साथ आयोजित सिम्बेक्स 2025 अभ्यास में भाग लिया। इस अभ्यास में आरएसएएफ का एक एस-70बी नौसैनिक हेलीकॉप्टर, दो फोकर-50 समुद्री गश्ती विमान और दो एफ-15एसजी लड़ाकू विमान भी शामिल हुए।
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Sea Phase of #SIMBEX-25 – an array of advanced naval operations.📰https://t.co/h6VL70RnKz pic.twitter.com/nlMzA8mEJF
— Eastern Naval Command 🇮🇳 (@IN_HQENC) August 4, 2025
इस सफल आयोजन ने भारतीय नौसेना और आरएसएन के बीच स्थायी और मजबूत साझेदारी को और रेखांकित किया। आरएसएस के कमांडिंग ऑफिसर सुप्रीम लेफ्टिनेंट कर्नल आरोन कोह ने कहा कि सिम्बेक्स दोनों नौसेनाओं के दीर्घकालिक और मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का प्रतीक है।
ऐतिहासिक अभ्यास
सिम्बेक्स अभ्यास नौसैन्य कर्मियों के लिए अभियानगत दक्षताओं को निखारने, आपसी समझ बढ़ाने और स्थायी संबंध विकसित करने का एक मूल्यवान मंच रहा है। इस अभ्यास की शुरुआत 1994 में हुई थी और इस वर्ष इसका 32वां संस्करण आयोजित किया गया। यह सिंगापुर गणराज्य नौसेना (RSN) के सबसे लंबे समय से जारी द्विपक्षीय समुद्री अभ्यासों में से एक है तथा भारत द्वारा किसी अन्य देश के साथ आयोजित किया जाने वाला सबसे लंबा निरंतर द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास है।