ताइवान इस समय भयंकर प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। टाइफून ‘रागासा’ ने पूर्वी ताइवान के हुआलिएन काउंटी में भारी तबाही मचाई है। तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश के कारण हुए भूस्खलन से एक झील का बांध टूट गया, जिसके बाद अचानक पूरी गुआंगफू बस्ती बाढ़ की चपेट में आ गई। इस विनाशकारी हादसे में अब तक कम से कम 14 लोगों की मौत हो चुकी है और 124 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। हालात गंभीर बने हुए हैं और राहत-बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
ताइवान इस समय भीषण प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। तेज हवाओं और मूसलधार बारिश के कारण इलाके में भूस्खलन हो गया, जिससे एक झील का बांध टूट गया और देखते ही देखते पूरी गुआंगफू बस्ती बाढ़ की चपेट में आ गई।
झील फटने से मची तबाही
ताइवान के हुआलिएन काउंटी में टाइफून और भारी बारिश से एक झील का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे झील का किनारा टूट गया और करीब 9 करोड़ टन में से 6 करोड़ टन पानी बाहर निकल आया। यह पानी आसपास की रिहायशी कॉलोनियों में घुस गया, जिससे सैकड़ों मकान डूब गए और कई लोग समय पर बच नहीं पाए। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि लगभग 8,500 प्रभावित लोगों में से 60% अपने घरों की ऊपरी मंजिलों में शरण लेने को मजबूर हैं, जबकि कई लोगों ने गांव छोड़कर रिश्तेदारों के यहां पनाह ली है। सड़कों और गांवों का संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है, जिससे राहत कार्यों में भी बड़ी बाधा आ रही है।
At least 14 people were killed when a decades-old lake barrier burst in Taiwan, a government official said Wednesday, after Super Typhoon Ragasa pounded the island with torrential rainshttps://t.co/GDxlN5aUGD
🎥 CCTV footage of flooded bridge in Taiwan's Hualien after lake… pic.twitter.com/VtVwwpmlV2
— AFP News Agency (@AFP) September 24, 2025
राहत और बचाव कार्य जारी
ताइवान में आई आपदा के बीच राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। फायर सर्विस विभाग के अनुसार जल, थल और वायु तीनों माध्यमों से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं, लेकिन लगातार खराब मौसम और सड़कों के कट जाने के कारण अभियान में बाधाएं आ रही हैं। कई दुर्गम इलाकों में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित निकाला जा रहा है।
2009 की तबाही हुई ताजा
ताइवान में आई इस आपदा ने लोगों को 2009 के मोराकोट तूफान की भयावह याद दिला दी है। उस समय दक्षिणी ताइवान में भारी तबाही मची थी, जिसमें करीब 700 लोगों की जान गई थी और देश को 3 अरब डॉलर से अधिक का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा था।