एस.जयशंकर ने कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद से की मुलाकात, द्विपक्षीय रिश्तों को दी नई दिशा

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Published On: 12 November 2025

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नियाग्रा में G7 के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने भारत-कनाडा के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा जताई। जयशंकर ने अनीता आनंद को जी-7 विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी के लिए बधाई दी और ‘नए रोडमैप 2025’ के कार्यान्वयन में हो रही प्रगति की सराहना की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत और कनाडा के बीच साझेदारी और भी सुदृढ़ होगी।

नियाग्रा में आयोजित जी-7 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद से मुलाकात की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने व्यापार, ऊर्जा, सुरक्षा और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की।

कनाडा के विदेश मंत्री से की मुलाकात

जी-7 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने व्यापार, ऊर्जा, सुरक्षा और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि जी-7 बैठक में भारत की भागीदारी वैश्विक चुनौतियों के समाधान और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज को सशक्त करने के प्रति भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है। कनाडा ने इस बैठक में भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, सऊदी अरब, मेक्सिको, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका और यूक्रेन को साझेदार देशों के रूप में आमंत्रित किया है।

द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने पर जोर

नियाग्रा में जी-7 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद की मुलाकात हुई। इस बैठक में दोनों नेताओं ने व्यापार, ऊर्जा, सुरक्षा और लोगों के बीच संबंधों पर चर्चा की। गौरतलब है कि कनाडा ने पिछले सप्ताह कहा था कि जी-7 सम्मेलन में समुद्री सुरक्षा, आर्थिक लचीलापन, ऊर्जा सुरक्षा और महत्वपूर्ण खनिजों जैसी वैश्विक चुनौतियों पर विचार किया जाएगा।

जयशंकर की यह यात्रा अनीता आनंद की हाल ही में हुई भारत यात्रा के एक महीने बाद हो रही है, जिसके दौरान दोनों देशों ने व्यापार, महत्वपूर्ण खनिजों और ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप प्रस्तुत किया था। इस बैठक में दोनों विदेश मंत्रियों ने वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और एक-दूसरे की रणनीतिक प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए द्विपक्षीय व्यापार और निवेश पर जल्द से जल्द मंत्रिस्तरीय स्तर की चर्चा शुरू करने पर सहमति जताई।

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