भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत जारी, नवंबर तक समझौते की संभावना

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Published On: 7 October 2025

भारत और अमेरिका प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर लगातार बातचीत कर रहे हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को बताया कि नवंबर तक वार्ता पूरी होने की समयसीमा से पहले समझौता होने की पूरी संभावना है।

गोयल ने कहा कि अगले दौर की वार्ता प्रत्यक्ष रूप से होने की संभावना है, लेकिन अमेरिकी सरकार वर्तमान में शटडाउन मोड में होने के कारण यह तय करना मुश्किल है कि वार्ता कब और कहां होगी। गोयल एक दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं और एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हो रही है।

व्यापार वार्ता

उन्होंने बताया कि पिछले महीने न्यूयॉर्क में भी गोयल ने व्यापार वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। उस बैठक के बाद भारत और अमेरिका ने व्यापार समझौते के सभी पहलुओं पर रचनात्मक बातचीत जारी रखने का निर्णय लिया।

इस वर्ष फरवरी में दोनों देशों के नेताओं ने अधिकारियों को द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत करने का निर्देश दिया था। इस समझौते का उद्देश्य 2030 तक भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है।

अब तक इस समझौते पर पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। दोनों पक्षों ने व्यापार को बढ़ाने, निवेश को आसान बनाने और आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की है।

व्यवसायियों को नए अवसर

गोयल ने बताया कि व्यापार समझौता पूरा होने पर दोनों देशों के व्यवसायियों को नए अवसर मिलेंगे, जिससे भारत में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और अमेरिकी कंपनियों के लिए निवेश के रास्ते खुलेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि वार्ता में समयबद्धता का पालन किया जा रहा है और हर प्रयास किया जा रहा है कि नवंबर तक समझौता अंतिम रूप से तैयार हो जाए। इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और व्यापारिक संबंधों को नई दिशा मिलेगी।

गोयल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार, निवेश, और निर्यात को बढ़ाने की रणनीतियों पर चर्चा कर रहा है। इसके तहत तकनीकी सहयोग, औद्योगिक निवेश और कृषि व्यापार जैसे मुद्दों पर भी बात की जा रही है।

भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौता दोनों देशों के लिए आर्थिक विकास और व्यापार विस्तार का एक बड़ा अवसर माना जा रहा है।

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