अमेरिका और वेनेजुएला के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने कैरेबियन क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी काफी बढ़ा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एयरक्राफ्ट कैरियर ग्रुप ‘यूएसएस जेराल्ड फोर्ड’ को लैटिन अमेरिका भेजने का आदेश दिया है, जिसमें लगभग 5,000 सैनिक और 75 फाइटर जेट शामिल हैं। जिसे अब तक के किसी भी एंटी-नारकोटिक्स मिशन से बड़ा कदम माना जा रहा है। इसे वॉशिंगटन की सबसे सशक्त सैन्य कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है।
अमेरिका ने कैरेबियन क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाते हुए एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस जेराल्ड फोर्ड को तैनात किया है, जिसमें लगभग 5,000 सैनिक और 75 फाइटर जेट शामिल हैं। यह कदम वेनेजुएला पर दबाव बढ़ाने और मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।
अमेरिका ने कैरेबियन में बढ़ाई सैन्य तैनाती
अमेरिका ने कैरेबियन में अपनी सैन्य तैनाती को बढ़ाते हुए 5,000 से अधिक नाविक और कर्मी, 75 फाइटर जेट, 8 अतिरिक्त युद्धपोत, 1 परमाणु पनडुब्बी और एफ-35 लड़ाकू विमान शामिल किए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम क्षेत्रीय देशों के लिए चिंता का विषय बन सकता है और अमेरिका के इरादों पर सवाल खड़े कर सकता है। ट्रम्प प्रशासन लंबे समय से वेनेजुएला की निकोलस मादुरो सरकार पर आरोप लगाता रहा है कि वह मादक पदार्थों के तस्करों को संरक्षण दे रही है और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है।
अमेरिकी की सैन्य उपस्थिति बढ़ी
पेंटागन के प्रवक्ता सीन पर्नेल ने बताया कि यूएसएस साउथकॉम क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति बढ़ाने का उद्देश्य अवैध गतिविधियों का पता लगाना, उन्हें रोकना और समाप्त करना है, ताकि अमेरिका और पश्चिमी गोलार्ध की सुरक्षा बनी रहे। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि एयरक्राफ्ट कैरियर कब लैटिन अमेरिका पहुंचेगा। इससे पहले यह पोत यूरोप के जिब्राल्टर की खाड़ी से गुजर रहा था।
कैरेबियन में अमेरिकी सैन्य हमले जारी
सितंबर 2025 की शुरुआत से अमेरिकी सेना ने कैरेबियन सागर में कथित ड्रग तस्करी के जहाजों पर 10 हवाई हमले किए, जिनमें लगभग 40 लोग मारे गए, जिनमें कुछ वेनेजुएला के नागरिक भी शामिल थे। इस पर वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने लगातार आरोप लगाया कि अमेरिका उनकी सत्ता से हटाने की साजिश रच रहा है। अगस्त में अमेरिकी प्रशासन ने मादुरो की गिरफ्तारी में मदद करने वाले सूचना प्रदाता के लिए पुरस्कार राशि को 2.5 करोड़ डॉलर से बढ़ाकर 5 करोड़ डॉलर कर दिया।
