अगर आप अक्सर बालों में रंग करते हैं, तो यह जानना ज़रूरी है कि बार-बार हेयर डाई करने से बालों और स्कैल्प की सेहत पर असर पड़ सकता है। हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन के अनुसार, लगातार हेयर कलर इस्तेमाल करने से बालों की प्राकृतिक बनावट और मजबूती कम हो सकती है, साथ ही स्कैल्प की सेहत भी प्रभावित हो सकती है।
बार-बार हेयर कलर कराने से सिर्फ लुक ही नहीं बल्कि सेहत पर भी असर हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, एक 20 साल की चाइनीज़ महिला को हर महीने हेयर कलर कराने के बाद गंभीर किडनी रोग हो गया।
हेयर डाई
अगर आप बालों में रंग (हेयर डाई) लगाने के शौक़ीन हैं, तो यह जानना ज़रूरी है कि बार-बार हेयर डाई करने से बालों और स्कैल्प पर असर पड़ सकता है। हेयर डाई में मौजूद अमोनिया बालों की बाहरी परत (क्यूटिकल) खोल देता है ताकि रंग अंदर जा सके, लेकिन इससे बाल कमजोर हो सकते हैं। हाइड्रोजन पेरॉक्साइड बालों के प्राकृतिक रंग को बदलता है और लगातार इस्तेमाल से बाल सूखे और टूटने लगे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, हेयर डाई का बार-बार इस्तेमाल बालों की मजबूती और सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
बालों को नुकसान
हेयर डाई में मौजूद केमिकल्स बालों और स्कैल्प के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं। हेयर कलर में अमोनिया, हाइड्रोजन पेरॉक्साइड और PPD (para-phenylenediamine) जैसे तत्व होते हैं। अमोनिया बालों की बाहरी परत खोलकर रंग को अंदर जाने देता है, जिससे बाल कमजोर हो जाते हैं। हाइड्रोजन पेरॉक्साइड बालों के नैचुरल पिगमेंट को तोड़ देता है, जिससे वे रूखे और टूटने लगते हैं। वहीं, PPD एलर्जी, खुजली और स्कैल्प में जलन का कारण बन सकता है।
कलर करने के नुकसान
- बार-बार बालों में रंग करने से सेहत पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
- विशेषज्ञों के अनुसार, लगातार हेयर कलर इस्तेमाल करने से बालों की जड़ें कमजोर होकर झड़ने लगती हैं।
- केमिकल्स स्कैल्प के नैचुरल ऑयल को खत्म कर देते हैं, जिससे बाल रूखे और कमजोर हो जाते हैं।
- इसके अलावा, बालों की बाहरी परत खराब होने से टूटने और दोमुंहे होने की समस्या बढ़ जाती है।
- बार-बार कलर बदलने से स्कैल्प में जलन या डैंड्रफ जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं।
एक्सपर्ट की सलाह
- बालों की सेहत बनाए रखने के लिए बार-बार कलर करना नुकसानदेह हो सकता है।
- विशेषज्ञों के अनुसार, बालों को हर 6 से 8 हफ्ते से पहले दोबारा कलर न करें और अमोनिया-फ्री या हर्बल डाई का इस्तेमाल करें।
- कलर के बाद डीप कंडीशनिंग ट्रीटमेंट जरूर करें और स्कैल्प पर कोकोनट या आर्गन ऑयल की हल्की मसाज करें ताकि नमी बनी रहे।
- ज्यादा कलरिंग से पहले हेयर ट्रिमिंग करवाना भी जरूरी है ताकि डैमेज कम हो।
- याद रखें… बार-बार कलर बदलने से लुक तो बदल सकता है, लेकिन बालों की हेल्थ पर असर पड़ना तय है।
- इसलिए लुक्स से पहले हेल्थ को प्राथमिकता दें और समय-समय पर नेचुरल ट्रीटमेंट अपनाएं।
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों पर आधारित हैं. MPNews इनकी पुष्टि नहीं करता है।
