गुड़ की पूरी एक ऐसी पारंपरिक डिश है जो सर्दियों में घर की रसोई को मिठास और गर्माहट से भर देती है। पुराने ज़माने में इसे खास मौकों पर बनाया जाता था जैसे फसल कटाई, मकर संक्रांति या घर में मेहमानों के स्वागत में। इसका स्वाद गुड़ की हल्की मिठास, गेहूं के आटे की खुशबू और घी में तली पूरियों की कुरकुराहट में छिपा होता है। इसे नाश्ते या त्योहारों के मीठे व्यंजन के रूप में परोसा जा सकता है।
इस डिश की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे बनाने में ज़्यादा मेहनत नहीं लगती, लेकिन इसका स्वाद दिल में उतर जाता है। गर्म-गर्म गुड़ की पूरियाँ, साथ में दही या हल्की सब्ज़ी बस फिर क्या, सर्द सुबह और भी खास बन जाती है। आइए जानते हैं इसे बनाने का आसान और देसी तरीका।
सामग्री
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गेहूं का आटा – 2 कप
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गुड़ – 1 कप (कसा हुआ या टुकड़ों में)
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पानी – 1 कप (गुड़ गलाने के लिए)
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सौंफ – 1 छोटा चम्मच
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घी या तेल – पूरियाँ तलने के लिए
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चुटकीभर नमक स्वाद बढ़ाने के लिए
बनाने की विधि
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गुड़ का पानी तैयार करें: सबसे पहले एक पैन में पानी गर्म करें। जब पानी हल्का गरम हो जाए तो उसमें गुड़ डालें और धीमी आंच पर गलने दें। जब गुड़ पूरी तरह घुल जाए तो गैस बंद करें और सिरप को ठंडा होने दें।
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आटा गूंधना: अब गेहूं के आटे में सौंफ और चुटकीभर नमक मिलाएं। फिर धीरे-धीरे ठंडा हुआ गुड़ का पानी डालते हुए आटा गूंधें। ध्यान रहे कि आटा न बहुत मुलायम हो और न बहुत सख्त। गूंधने के बाद 10 मिनट के लिए ढककर रख दें।
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पूरियाँ बेलना: आटे की छोटी-छोटी लोई बनाएं। उन्हें गोल आकार में बेलें। बेलते समय ध्यान रखें कि पूरियाँ बहुत पतली न हों वरना वे फूलेंगी नहीं।
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पूरियाँ तलना: कड़ाही में तेल या घी गर्म करें। जब तेल अच्छी तरह गर्म हो जाए तो पूरियाँ डालकर सुनहरी और कुरकुरी होने तक तलें। दोनों तरफ से समान रूप से सिकने दें।
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परोसना: तली हुई पूरियों को टिश्यू पेपर पर निकालें ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए। गर्म-गर्म गुड़ की पूरियाँ दही, आलू की सब्ज़ी या सिर्फ चाय के साथ परोसें।
टिप्स
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आप चाहें तो गुड़ के सिरप में थोड़ा सा इलायची पाउडर भी डाल सकते हैं, जिससे स्वाद और सुगंध दोनों बढ़ जाएंगे।
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आटा गूंधते समय सिरप को ज़्यादा गरम न डालें वरना आटा चिपचिपा हो सकता है।
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घी में पूरियाँ तलने से स्वाद और भी लाजवाब आता है।
