हम जो भी खाते-पीते हैं, उसका सीधा असर हमारे ओरल हेल्थ यानी दांत और मसूड़ों की सेहत पर पड़ता है। फलों और सब्जियों से भरपूर डाइट लंबे समय से दांतों में कीड़े, कैविटी और मसूड़ों की बीमारी से बचाव के लिए जानी जाती है। इनमें से क्रैनबेरी खास हैं, क्योंकि इनमें पाए जाने वाले विशेष बायोएक्टिव कंपाउंड्स, खासकर ए-टाइप प्रॉएंथोसाइनिडिन्स (PACs) दांत और मसूड़ों को अतिरिक्त सुरक्षा दे सकते हैं।
क्रैनबेरी ओरल हेल्थ की रक्षा कैसे करते हैं?
क्रैनबेरी में मौजूद पॉलीफिनॉल्स स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स नामक उस बैक्टीरिया की गतिविधि को रोकते हैं, जो दांतों में कीड़े लगने और बायोफिल्म बनने के लिए जिम्मेदार होता है। बायोफिल्म यानी बैक्टीरिया की परत, जो दांतों और मुंह की सतह से चिपक जाती है और इन्फेक्शन या बैक्टीरिया के असंतुलन का कारण बन सकती है। क्रैनबेरी इन परतों को बनने से रोकने में मददगार साबित हो सकते हैं।
शोध में पाया गया है कि क्रैनबेरी और इनके जूस से बने आइसोलेटेड पॉलीफिनॉल्स इन समस्याओं में मददगार हो सकते हैं:
- डेंटल प्लाक की रोकथाम
- दांतों में कीड़े और कैविटी से बचाव
- मसूड़ों की बीमारियों का नियंत्रण
यह संकेत मिलता है कि भविष्य में ओरल हेल्थ के लिए क्रैनबेरी-आधारित प्रॉडक्ट्स का विकास एक कारगर विकल्प हो सकता है।
नेचुरल हेल्थ का अगला कदम
भले ही नियमित ब्रशिंग, फ्लॉसिंग और डेंटल चेकअप ज़रूरी हैं, लेकिन यूएस क्रैनबेरीज़ को डाइट में शामिल करना ओरल हेल्थ को प्राकृतिक तरीके से बेहतर बनाने का आसान उपाय है। बैक्टीरिया के असंतुलन को कम करने और स्वस्थ ओरल माइक्रोबायोम को बढ़ावा देने की क्षमता के कारण क्रैनबेरी लंबे समय तक दाँत और मसूड़ों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा सकते हैं।