आज मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की द्वादशी के दिन उत्पन्ना एकादशी का पारण किया जाएगा। यह व्रत विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। इस दिन व्रती उपवास रखकर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं और दिनभर पवित्रता बनाए रखते हैं। पारण के समय व्रती फल, दलिया या हल्का भोजन करके अपने व्रत का समापन करते हैं। यह अवसर श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक उत्साह और आस्था को बढ़ाने वाला होता है।
आज मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की द्वादशी, जिसे कृष्ण योगेश्वर द्वादशी के नाम से जाना जाता है, मनाई जाएगी। इस अवसर पर श्रद्धालु उत्पन्ना एकादशी व्रत का पारण करेंगे।
उत्पन्ना एकादशी व्रत का पारण
उत्पन्ना एकादशी व्रत का पारण एक धार्मिक अनुष्ठान है जो मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा और व्रत के नियमों का पालन करके किया जाता है। उत्पन्ना एकादशी कृष्ण पक्ष की द्वादशी को होती है। इस दिन व्रती लोग दिनभर उपवास रखते हैं और अगले दिन पारण करके अपना व्रत पूरा करते हैं। उत्पन्ना एकादशी का पारण भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय माना जाता है। इस दिन व्रती दिनभर निर्जल या फलाहारी उपवास रखते हैं।
महत्व
उत्पन्ना एकादशी का पारण विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। यह एकादशी मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की द्वादशी को पड़ती है और इस दिन व्रती अपने व्रत का पारण करते हैं। पारण के समय व्रती पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ उपवास में प्रयुक्त नियमों का पालन कर भोजन ग्रहण करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन उत्पन्ना एकादशी का पारण करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है। इसके साथ ही यह दिन आध्यात्मिक उन्नति और घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने का भी अवसर देता है।
मुहूर्त
इस वर्ष उत्पन्ना एकादशी 15 नवंबर 2025 (शनिवार) को मनाई गयी है। व्रत का पारण मुहूर्त 16 नवंबर को दोपहर 1:10 PM से 3:18 PM तक रहेगा।
पारण की विधि
- उत्पन्ना एकादशी का पारण हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है।
- इस दिन व्रती अपने एकादशी व्रत का पारण करते हैं।
- जिसमें उपवास के दौरान ग्रहण किए गए आहार का संतुलित और पवित्र तरीके से सेवन किया जाता है।
- पारण से पहले व्रती स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं और भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं।
- इस अवसर पर हल्का, सात्विक और शुद्ध भोजन ग्रहण करना शुभ माना जाता है।
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. MPNews इनकी पुष्टि नहीं करता है।
