भारत की 5 पवित्र यात्राएं; आस्था, प्रकृति और भक्ति का मिलन

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Published On: 2 July 2025

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ट्रैवल | भारत एक ऐसा देश है, जिसे दुनिया भर में अपनी अलग पहचान बनाई है। यह पहचान भारत को अपनी संस्कृति इतिहास और परंपराओं की वजह से हासिल हुई है। इसके अलावा, यहां पर कुछ धार्मिक यात्राएं भी होती हैं, जो आस्था का प्रतीक है। यह यात्राएं आस्था से जुड़ी होने के साथ लोगों को संस्कृति और प्रकृति के करीब ले जाने का काम करती है।

हर साल अलग-अलग समय पर अलग-अलग यात्राओं का आयोजन होता है। यह यात्राएं लोगों को भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने का काम करती। अगर आप भी भक्त और आध्यात्मिक के मार्ग पर चलने के बारे में सोचते हैं, तो आज हम आपको कुछ ऐसी धार्मिक यात्राओं के बारे में बताते हैं जो बहुत ही प्रसिद्ध है।

अमरनाथ यात्रा

हर साल अमरनाथ यात्रा की शुरू होने का भक्तों को बेसब्री से इंतजार रहता है। बता दें कि बाबा बर्फानी की गुफा में बर्फ का प्राकृतिक शिवलिंग अपने आप बनता है। जिसके दर्शन के लिए दुनिया भर से भक्त पहुंचते हैं। यह यात्रा भक्ति और साहस का अनूठा संगम है। बर्फानी गुफा तक पहुंचना आसान नहीं है लेकिन फिर भी भक्त यहां हर घटनाएं को पार करके पहुंचते हैं।

चारधाम यात्रा

उत्तराखंड में होने वाली चार धाम यात्रा में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। हिंदू धर्म में इस यात्रा का बहुत महत्व माना गया है और यह कहा जाता है कि जीवन में एक बार हर व्यक्ति को चार धाम की यात्रा जरूर करनी चाहिए। इसे आत्मिक शांति और मोक्ष से जोड़कर देखा जाता है।

मानसरोवर यात्रा

मानसरोवर झील के बारे में आप सभी ने सुना होगा। यह कैलाश पर्वत पर बसी एक बहुत ही खूबसूरत झील है। झील नहीं है, बल्कि भगवान शिव का निवास स्थान है। यहां की शांति और देवता इसे सबसे खास बनाने का काम करती है।

नंदा देवी यात्रा

उत्तराखंड में नंदा देवी की यात्रा का बहुत महत्व माना गया है। यह यात्रा हर 12 साल में आयोजित होती है, जिसके जरिए नंदा देवी को विदाई दी जाती है। 280 किलोमीटर की यात्रा बहुत कठिन है, लेकिन भक्ति से अपनी भक्ति से पूरा कर लेते हैं। इसके लिए गांव-गांव से लोग जुड़ते हैं।

जगन्नाथ यात्रा

ओडिशा के पुरी में होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा देसी नहीं बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यहां पर भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ 3 अलग-अलग रथ पर सवार होकर अपनी मौसी के घर जाते हैं। कुछ दिन को अपनी मौसी के घर रहते हैं। उसके बाद, वापस अपने धाम लौटते हैं। इस यात्रा में आस्था का अद्भुत समागम देखने को मिलता है। यहां अनगिनत श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के रथ को रस्सी से खींचने और उनकी एक झलक पाने के लिए पहुंचते हैं।

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